पीने पिलाने की क्या बात करते हो कभी हम भी पिया करते थे
जितनी तुम जाम मेँ लिए बैठते हो उतनी हम पैमाने मेँ छोङ दिया करते थे
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए
हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए,
पर “माँ “अकेली ही काफी है,
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!✍
मैंने स्कूटर से घर जाते समय "रायल स्टैग" की एक बोतल खरीदी, और घर में बैठ कर पीने के निकल पड़ा.......
अचानक मेरे दिमाग ने काम किया कि रास्ते में कहीं स्कूटर गिर गया और बोतल टूट गई तो फिर क्या पियूँगा,😰😰
स्कूटर रोक कर बोतल निकाली और पूरी बोतल वहीं पी गया......!😎
आपको यकीन नहीं होगा कि मेरा निर्णय बिल्कुल सही था....
स्कूटर रास्ते में पाँच बार गिरा......!
😳😳😳☝☝😳😳😳
🤓🤓😂😂😂😜😜
*आँसू न होते तो आँखे इतनी खुबसूरत न होती,*
*दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती|*
*अगर मिल जाता सब-कुछ केवल चाहने से,*
*तो दुनिया में "ऊपर वाले" की जरूरत ही न होती!!*
🌞Good morning🌞
*कुछ चीज़े 'कमजोर' की हिफाज़त में भी 'महफूज़' रहती हैं*,
*जैसे 'मिटटी के गुल्लक' में 'लोहे के सिक्के*...!
*बशर्ते विश्वास होना चाहिए।*। *हमारे"लफ्ज़ों" का इस्तेमाल ही हमारी "परवरिश" का बेहतरीन सबूत है । 👍🏻*
*अच्छे लोगों की संगत में रहिये। .......सुना है....... सुनार की दुकान का" कचरा "भी.....बनिये के "बादाम" से महंगा होता है. !!*
🙏🌻🌹 *Good Morning* 🌹🌻
पत्नी चिल्ला कर बोली – आज शाम को जल्दी घर आ जाना
पति – क्यों कुछ खास है क्या ?
पत्नी – मायके से रिश्तेदार आ रहे हैं
पति – मेरा दिमाग मत खाओ, मैं बिजी हूँ, कौन कौन आ रहा है?
पत्नी – मेरी दोनों छोटी बहनें आ रही हैं
पति खुश होकर –
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अरे डार्लिंग, तुम्हारे रिश्तेदार मतलब मेरे रिश्तेदार पक्का टाइम से आ जाऊँगा 🙂 🙂
हम तो तेरे दिल की महफिल सजाने आऐ थे..💜
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आऐ थे..💓
किस बात की सज़ा दी तुने हमको बेवफा..💜
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आऐ थे..
जिसका न हो वजूद, वो हस्ती किस काम की
जहा दिल न लगे, वो बस्ती किस काम की
जब बाबा की याद आये, तो दिल खोलकर झूमना भक्तो
क्योंकि जो पागल न कर दे, वो मस्ती किस काम की
बाबा नाम के रस मे तन मन भिग जाता है
सुनकर बाबा नाम तो पंचपेर् भी रीझ जाता है
जय जय श्री श्याम जी