तुम्हारे जिस्म की खुशबू गुलों से आती है,
ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है..!!
हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..!!
हमारी आँखों को मैला तो कर दिया
पादना’ बुरी बात नही है भाई !!
आज मै “पाद” विषय पर बात कर रहा हूं, जिसका नाम लेना भी असभ्यता समझी जाती है, लेकिन पाद क्या अपनी मर्जी से आता है, वो तो खुद ही कभी भी, कहीं भी आ सकता है ! यदि आपका डाक्ट
💐💐💐 असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
✋ क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,
😊 जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
👍 संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम,
🙏 कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती। 🌿🌹🌿
पानी
आकाश से गिरे तो ♡ बारिश
आकाश की ओर उठे तो ♡ भाप
अगर जम कर गिरे तो ♡ ओले
अगर गिर कर जमे तो ♡ बर्फ
फूल पर हो तो ♡ ओस
फूल से निकले तो &nbs
पत्नी के मांग के बीच सिन्दूर
यदि पत्नी के मांग के बीच सिन्दूर लगा हुआ है ,तो उसके पति की अकाल मृत्यु नही हो सकती!
❗जो स्त्री अपनी मांग के सिन्दूर को बालो से छिपा लेती है ,उसका पति समाज में छिप जाता
चांद की चांदनी ने एक पालकी बनाई है
और ये पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है
दुआ है ए हवा तुझसे जरा धीरे चलना
मेरे दोस्तों को बड़ी प्यारी नींद आई है.....
शुभ रात्रि
नींद बेचकर आँखों ने, कुछ ख्वाब खरीदे हैं,
ठहरे हुए, समन्दर से,..कुछ सैलाब खरीदे हैं..
ऐ जिंदगी तू शौक से ले इम्तेहान लेकिन सुन,
तेरी ही नुमाईश से मैंने कुछ खिताब खरीदे हैं..
रोज टहलते सड़कों पर, कई गुल
मोती हूँ तो दामन में पिरो लो मुझे अपने,
आँसू हूँ तो पलकों से गिरा क्यूँ नही देते?
साया हूँ तो साथ ना रखने की वजह क्या?
पत्थर हूँ तो रास्ते से हटा क्यूँ नही देते?
बता तुम्हें मैं क्या लिखूँ...
शाम लिखूँ कि जलता चराग लिखूँ...
इश्क लिखूँ...
या इश्क के पार लिखूँ...
तुम्हारी मुस्कुराहट... जो गिराती हैं...
अक्सर बिजलियाँ मुझपे...
उस मुस्कान को नसीब लिखूँ...
या अपनी जान लिखूँ..
दूर लिखूँ कि इस #दिल के पास लिखूँ...
धड़कन लिखूँ...
या धड़कनों के राज़ लिखूँ...
... बता तुम्हें क्या लिखूँ...!!
गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते.....!
कभी तो दुआ की तरह आ के तूम थाम लो मुझे.....!!
बहुत खुबसुरत आंखें हैं तुम्हारी
तू जो देख ले जिसको
वो बहकता जरूर है
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