पीपल के पत्तों जैसा मत बनो
जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है
बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो
जो पिसकर भी दूसरों की जिंदगी में रँग भर देते है।
हम तड़प रहे है याद में तेरी देखो कैसी जुदायी है
हर पल अब मै रब से पूछू कैसी दुनिया बनायी है
मेरे ही सपनो में तूने अपनी दुनिया बनायी थी
तूने मुझसे प्यार किया था तूने कसमें खायी थी
मेरे अरमानों ने देखो कैसी ठोकर खायी है
हर पल अब मै रब से पूछू कैसी दुनिया बनायी है
💐💐💐 मंजिल इंसान के हौसले आजमाती है,
सपनों के परदे, आंखों से हटाती है,
🙏 किसी भी बात से हिम्मत ना हारना,
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है...🌹🌹🌹
खुद को समय जरूर दे
आपकी पहली जरूरत
खुद आप है।
समय के पास इतना
समय नहीं की
आपको दोबारा समय दे सके
🥀🥀सुप्रभात🥀🥀
बोई जाती हैं बेटी,
यूँ ही उग जाते हैं बेटे,
सिखाई जाती है बेटियां,
खुद सीख जाते हैं बेटे।।
ज़िम्मेदारी बन जाती है बेटी,
ज़िम्मेदारिया उठाते है बेटे,
सम्भाली जाती है बेटियां,
खुद ही संभल जाते हैं ब
मेरी एक चाहत 💞 है , कि
एक चाहने 🙂 बाली ऐसी हो 🍂
जो 💞चाहने में
✋बिल्कुल मेरे 😒 जैसी हो 😘
एक दिन पति अपने घर की लाइट ठीक कर रहा था. तभी उसने अपनी बीवी को आवाज़ लगाईं…
बीवी – क्या है ?
पति – ज़रा इधर तो आओ …
बीवी – लो आ गई, अब बोलो ?
पति– ये दो तार हैं, ज़रा इनमे से कोई एक हाथ में पकड़ना
बीवी – क्यों ?
पति– अरे तू पकड़ तो सही एक बार
बीवी – ये लो पकड़ लिया
पति– कुछ हुआ?
बीवी – नहीं तो…
पति – अच्छा, इसका मतलब कर्रेंट दूसरी तार में है़।
➖बहुत सुन्दर प्रसंग रामचरितमानस➖
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरष
एक सवाल
आमने सामने की बैंच पर कुछ लड़के बैठे थे
पहली बैंच पर बैठे बच्चों ने अपने सामने वाली बैंच के बच्चों से कहा अगर तुम लोगों में से एक बच्चा हमारी तरफ आ जाये तो हम संख्या में तुमसे डबल हो जाए,