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Aarti Messages

3 Messages

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।

ॐ जय श्री श्याम

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ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।

खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

 

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।

ॐ जय श्री श्याम हरे..

Message Pitara

हनुमानजी की आरती

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती किजे हनुमान लला क

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हनुमानजी की आरती

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती किजे हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे। रोग दोष जाके निकट ना झाँके ॥
अंजनी पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाये। लंका जाये सिया सुधी लाये ॥
लंका सी कोट संमदर सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥

लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पडे सकारे। आनि संजिवन प्राण उबारे ॥

पैठि पताल तोरि जम कारे। अहिरावन की भुजा उखारे ॥
बायें भुजा असुर दल मारे। दाहीने भुजा सब संत जन उबारे ॥

सुर नर मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे ॥
कचंन थाल कपूर लौ छाई। आरती करत अंजनी माई ॥

जो हनुमान जी की आरती गाये। बसहिं बैकुंठ परम पद पायै ॥
लंका विध्वंश किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी किर्ती गाई ॥

आरती किजे हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

Message Pitara

श्री राणी सती दादी जी आरती

ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता।
अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ती॥ ॐ जय ॥

अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा।
दुर्जन दलन खडग की विद्युतसम प

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श्री राणी सती दादी जी आरती

ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता।
अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ती॥ ॐ जय ॥

अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा।
दुर्जन दलन खडग की विद्युतसम प्रतिभा॥ ॐ जय ॥

मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल, शोभा लखि न पडे।
ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश धरे॥ ॐ जय ॥

घंटा घनन घडावल बाजे, शंख मृदुग घूरे।
किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे॥ ॐ जय ॥

सप्त मात्रिका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे।
विविध प्रकार के व्यजंन, श्रीफल भेट धरे॥ ॐ जय ॥

संकट विकट विदारनि, नाशनि हो कुमति।
सेवक जन ह्रदय पटले, मृदूल करन सुमति॥ ॐ जय ॥

अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा।
त्रिलोक चंद्र मैया तेरी,शरण गहुँ माता॥ ॐ जय ॥

या मैया जी की आरती, प्रतिदिन जो कोई गाता।
सदन सिद्ध नव निध फल, मनवांछित पावे॥ ॐ जय ॥

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