💐💐💐 मंजिल इंसान के हौसले आजमाती है,
सपनों के परदे, आंखों से हटाती है,
🙏 किसी भी बात से हिम्मत ना हारना,
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है...🌹🌹🌹
खुद को समय जरूर दे
आपकी पहली जरूरत
खुद आप है।
समय के पास इतना
समय नहीं की
आपको दोबारा समय दे सके
🥀🥀सुप्रभात🥀🥀
बोई जाती हैं बेटी,
यूँ ही उग जाते हैं बेटे,
सिखाई जाती है बेटियां,
खुद सीख जाते हैं बेटे।।
ज़िम्मेदारी बन जाती है बेटी,
ज़िम्मेदारिया उठाते है बेटे,
सम्भाली जाती है बेटियां,
खुद ही संभल जाते हैं ब
बोई जाती हैं बेटी,
यूँ ही उग जाते हैं बेटे,
सिखाई जाती है बेटियां,
खुद सीख जाते हैं बेटे।।
ज़िम्मेदारी बन जाती है बेटी,
ज़िम्मेदारिया उठाते है बेटे,
सम्भाली जाती है बेटियां,
खुद ही संभल जाते हैं बेटे।।
योजना बनती है बेटी के लिए,
बिना योजना पल जाते हैं बेटे,
रक्षा होती है बेटी की,
यूँ ही छूट जाते हैं बेटे।।
पूजी जाती है बेटी,
बोझ उठाते हैं बेटे,
विशेषधिकार आरक्षण का लाभ लेती,
फिर भी रहती बेचारी बेटी।।
हाड़ तोड़कर काम करता,
फिर भी रहता अत्याचारी बेटा,
कुछ कहते नहीं सिर्फ करते बेटे,
कुछ मांगते नहीं सिर्फ देते बेटे।।
मेरी एक चाहत 💞 है , कि
एक चाहने 🙂 बाली ऐसी हो 🍂
जो 💞चाहने में
✋बिल्कुल मेरे 😒 जैसी हो 😘
एक दिन पति अपने घर की लाइट ठीक कर रहा था. तभी उसने अपनी बीवी को आवाज़ लगाईं…
बीवी – क्या है ?
पति – ज़रा इधर तो आओ …
बीवी – लो आ गई, अब बोलो ?
पति– ये दो तार हैं, ज़रा इनमे से कोई एक हाथ में पकड़ना
बीवी – क्यों ?
पति– अरे तू पकड़ तो सही एक बार
बीवी – ये लो पकड़ लिया
पति– कुछ हुआ?
बीवी – नहीं तो…
पति – अच्छा, इसका मतलब कर्रेंट दूसरी तार में है़।
पत्नियां , दुनिया की इकलौती, ऐसा आतंकी संगठन होती हैं ...
जो अपने द्वारा किये गये हमलों की जिम्मेदारी कभी नहीं लेतीं....
अब यही क़िस्सा देख लो ....😢
पति : तुमने तो सुबह कहा था कि रात के खाने मे दो ऑप्शन
पत्नियां , दुनिया की इकलौती, ऐसा आतंकी संगठन होती हैं ...
जो अपने द्वारा किये गये हमलों की जिम्मेदारी कभी नहीं लेतीं....
अब यही क़िस्सा देख लो ....😢
पति : तुमने तो सुबह कहा था कि रात के खाने मे दो ऑप्शन होंगे ? लेकिन यहाँ तो एक ही सब्जी दिख रही है . . . . . .
पत्नी : (शांत स्वर से ) ऑप्शन अभी भी दो ही हैं . .
1. खाना है तो खाओ ,
2. नहीं खाना है तो सब्जी बाहर बैठे कुत्ते को खिलाकर , बरतन सिंक में रखने से पहले धो दीजिए !!!
नोट :- पति , बाबा जी के आश्रम में जा रहा है , दुआ मांगने ? ??...क्या , आप बता सकते हैं ?? कौन सी ।
😜😝😎🤘😂😬😡😱😳👌
➖बहुत सुन्दर प्रसंग रामचरितमानस➖
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरष
➖बहुत सुन्दर प्रसंग रामचरितमानस➖
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥🚩
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी॥🚩
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩
मनिगन पुर नर नारि सुजाती।
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।
जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥🚩
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।
रामचंद मुख चंदु निहारी॥🚩
मुदित मातु सब सखीं सहेली।
फलित बिलोकि मनोरथ बेली॥🚩
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।
प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ॥🚩
भावार्थ:-जब से श्री रामचन्द्रजी विवाह करके घर आए, तब से (अयोध्या में) नित्य नए मंगल हो रहे हैं और आनंद के बधावे बज रहे हैं। चौदहों लोक रूपी बड़े भारी पर्वतों पर पुण्य रूपी मेघ सुख रूपी जल बरसा रहे हैं॥🚩
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥🚩
मनिगन पुर नर नारि सुजाती।
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥🚩
भावार्थ:-ऋद्धि-सिद्धि और सम्पत्ति रूपी सुहावनी नदियाँ उमड़-उमड़कर अयोध्या रूपी समुद्र में आ मिलीं। नगर के स्त्री-पुरुष अच्छी जाति के मणियों के समूह हैं, जो सब प्रकार से पवित्र, अमूल्य और सुंदर हैं॥🚩
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।
जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥🚩
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।
रामचंद मुख चंदु निहारी॥🚩
भावार्थ:-नगर का ऐश्वर्य कुछ कहा नहीं जाता। ऐसा जान पड़ता है, मानो ब्रह्माजी की कारीगरी बस इतनी ही है। सब नगर निवासी श्री रामचन्द्रजी के मुखचन्द्र को देखकर सब प्रकार से सुखी हैं॥🚩
मुदित मातु सब सखीं सहेली।
फलित बिलोकि मनोरथ बेली॥🚩
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ।
प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ॥🚩
भावार्थ:-सब माताएँ और सखी-सहेलियाँ अपनी मनोरथ रूपी बेल को फली हुई देखकर आनंदित हैं। श्री रामचन्द्रजी के रूप, गुण, शील और स्वभाव को देख-सुनकर राजा दशरथजी बहुत ही आनंदित होते हैं॥🚩
➖जय हो प्रभु राम की➖जय हो राजाराम की➖
एक सवाल
आमने सामने की बैंच पर कुछ लड़के बैठे थे
पहली बैंच पर बैठे बच्चों ने अपने सामने वाली बैंच के बच्चों से कहा अगर तुम लोगों में से एक बच्चा हमारी तरफ आ जाये तो हम संख्या में तुमसे डबल हो जाए,
एक सवाल
आमने सामने की बैंच पर कुछ लड़के बैठे थे
पहली बैंच पर बैठे बच्चों ने अपने सामने वाली बैंच के बच्चों से कहा अगर तुम लोगों में से एक बच्चा हमारी तरफ आ जाये तो हम संख्या में तुमसे डबल हो जाए, दूसरी बैंच पर बैठे बच्चों ने कहा हां तुम लोग सही कह रहे हो, लेकिन अगर तुम मे से एक बच्चा है हमारी तरफ आ जाये तो तुम्हारी हमारी संख्या बराबर बराबर हो जाए, अर्थात दोनो बैंचो पर बैठे बच्चों की संख्या एक समान हो जाए। अब सवाल ये है कि दोनो बैंचो पर इस समय कितने कितने बच्चे बैठे हैं?
होली की हर्षित बेला पर,
खुशियां मिले अपार |
यश,कीर्ति, सम्मान मिले,
और बढे सत्कार ||
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल,
शुभ
होली की हर्षित बेला पर,
खुशियां मिले अपार |
यश,कीर्ति, सम्मान मिले,
और बढे सत्कार ||
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल,
शुभ-शुभ रहे विचार |
उत्साह. बढे चित चेतन में,
निर्मल रहे आचार ||
सफलतायें नित नयी मिले,
बधाई बारम्बार |
मंगलमय हो काज आपके,
सुखी रहे परिवार ||
आप और आपके परिवार को "होली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं"
तिल भर भी चरण शरण से दूरी ना हो, तिल भर भी श्री ठाकुर जी के स्वरुप की विस्मृति ना हो, तिल भर भी नाम सेवा ना छूटे, तिल भर भी श्री जी की रूप माधुरी से हटकर नेत्र कहीं और ना चले जाएँ। हमारी तिल जैसी सेवा से भी अकारण प्रसन्न हो जाने वाले हमारे परमाराध्य श्री युगल श्यामा श्याम हम पर सदैव कृपा करें। मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !!