विभिन्न शोहरों की पत्नियां उनसे कैसे लड़ती है़ 😗
Pilot's wife ज्यादा मत उड़ो
Teacher's wife मुझे मत सिखाओ
Painter's wife थोबड़ा रंग दूंगी
Dhobi's wife &n
विभिन्न शोहरों की पत्नियां उनसे कैसे लड़ती है़ 😗
Pilot's wife ज्यादा मत उड़ो
Teacher's wife मुझे मत सिखाओ
Painter's wife थोबड़ा रंग दूंगी
Dhobi's wife धो दूंगी
Actor's wife ज्यादा नाटक मत करो
Dentist's wife बत्तीसी तोड़ दूंगी
Marwadi's wife हिसाब से रहो
Engineer's wife सारे पुर्जे ढ़ीले कर दूंगी
Architect's wife ढ़ंग से रहो वरना थोबड़े का डिजाईन बदल दूंगी
Sunar's wife एक जड़ दूंगी
Pandit's wife घंटी बजा दूंगी
Musicians wife ढोल बजा दूंगी
Driver's wife ब्रेक लगा दूंगी
Builders wife ईंट से ईंट बजा दूंगी
Doctors wife सही इलाज कर दूंगी
Advocate ki wife अपनी वकालत कोर्ट तक ही सीमित रखो....
And the Best one.....
Admin ki wife : ग्रुप डिलीट कर दूंगी....😡
एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे । जब
एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे । जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी । यह देख वह बहुत दुखी हुआ । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था ।
तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे । उसने अगले दिन यही किया । शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया । वह संसार की # रीति समझ गया ।
"कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता ह This is life........ जब दुनिया यह कह्ती है कि ‘हार मान लो’ तो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि.,,,, ‘एक बार फिर प्रयास करो’ और यह ठीक भी है..,,, "जिंदगी आईसक्रीम की तरह है, टेस्ट करो तो भी पिघलती है;.,,, वेस्ट करो तो भी पिघलती है,,,,,, इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो, वेस्ट तो हो ही रही है.,,,, Life is very beautiful !!!
झुकजा श्याम चरण में प्यारे,
और कहीं ना झुकने देगा..
मन में है विश्वाश जो पक्का,
काम कभी ना रुकने देगा..
जय श्री श्याम।।।
एक फ्लैट में घंटी बजती है,
😁😁
और महिला जो घर में अकेली है...
दरवाज़ा खोलती है...👸
😀😀
.
भिक्षुक: "माई, भिक्षा दे।"😀😀
महिला:"ले लो, महाराज..."
भिक्षुक:"माई..., ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।"
😛😛😛😛
वह द्वार पार
एक फ्लैट में घंटी बजती है,
😁😁
और महिला जो घर में अकेली है...
दरवाज़ा खोलती है...👸
😀😀
.
भिक्षुक: "माई, भिक्षा दे।"😀😀
महिला:"ले लो, महाराज..."
भिक्षुक:"माई..., ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।"
😛😛😛😛
वह द्वार पार करके बाहर आती है।
भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ) :
"हा... हा... हा...
मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !"
😛😛
महिला:
"हा... हा... हा...
मैं कहा सीता हूं,
कामवाली बाई हूँ।"
😛😛😛
पिक्चर अभी बाकी है...
रावण :
"हा..हा..हा..
सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं,
तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी। उसे भी कामवाली बाई की ही ज़रूरत है..."
😛😛😛
महिला :
"हा...हा... हा...
पगले, सीता को ढूंढने सिर्फ राम आऐ थे ...
मुझे ढुंढने सारी सोसायटी आएगी।"👏👌👌
तेरी एक हँसी पे ये दिल कुर्बान कर जाऊँ,
ऐतराज ना हो अगर तो तेरा दिल चुरा ले जाऊँ,
ना बहने दुँ कभी इन आँखों से आँसू,
तु कहे तो तेरे सारे सितम सह जाऊँ,
हँसता हुआ रखूँ तेरे लबों को हमेशा,
छू कर जिन्हें वो
तेरी एक हँसी पे ये दिल कुर्बान कर जाऊँ,
ऐतराज ना हो अगर तो तेरा दिल चुरा ले जाऊँ,
ना बहने दुँ कभी इन आँखों से आँसू,
तु कहे तो तेरे सारे सितम सह जाऊँ,
हँसता हुआ रखूँ तेरे लबों को हमेशा,
छू कर जिन्हें वो प्यारी मुस्कान दे जाऊँ,
दिल से लगा के रखूँ तुम्हें,
मन तो करता है तुम्ही में खो जाऊँ,
सुनता ही रहूँ तुम्हारी धड़कनों को,
और अपने दिल की हर बात कह जाऊँ,
गम को कभी करीब ना आने दूँ,
और तुम्हें जिन्दगी की खुशीयाँ तमाम दे जाऊँ..
🌹 *एक लघु कथा*🌹
*एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, "आप क्या आशा करते हैं लड़का होगा या लड़की?"*
*पति-"अगर हमारा लड़का होता है, तो मैं उसे गणित पढाऊगा, हम खेलने जाएंगे, मैं उसे मछली पकड़ना सिखा
🌹 *एक लघु कथा*🌹
*एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, "आप क्या आशा करते हैं लड़का होगा या लड़की?"*
*पति-"अगर हमारा लड़का होता है, तो मैं उसे गणित पढाऊगा, हम खेलने जाएंगे, मैं उसे मछली पकड़ना सिखाऊगा।"*
*पत्नी - "अगर लड़की हुई तो...?"*
*पति- "अगर हमारी लड़की होगी तो, मुझे उसे कुछ सिखाने की जरूरत ही नही होगी"*
*"क्योंकि, उन सभी में से एक होगी जो सब कुछ मुझे दोबारा सिखाएगी, कैसे पहनना, कैसे खाना, क्या कहना या नही कहना।"*
*"एक तरह से वो, मेरी दूसरी मां होगी। वो मुझे अपना हीरो समझेगी, चाहे मैं उसके लिए कुछ खास करूँ या ना करूँ।"*
*"जब भी मै उसे किसी चीज़ के लिए मना करूँगा तो मुझे समझेगी। वो हमेशा अपने पति की मुझ से तुलना करेगी।"*
*"यह मायने नही रखता कि वह कितने भी साल की हो पर वो हमेशा चाहेगी की मै उसे अपनी baby doll की तरह प्यार करूँ।"*
*"वो मेरे लिए संसार से लड़ेगी, जब कोई मुझे दुःख देगा वो उसे कभी माफ नहीं करेगी।"*
*पत्नी - "कहने का मतलब है कि, आपकी बेटी जो सब करेगी वो आपका बेटा नहीं कर पाएगा।"*
*पति- "नहीं, नहीं क्या पता मेरा बेटा भी ऐसा ही करेगा, पर वो सिखेगा।"*
*"परंतु बेटी, इन गुणों के साथ पैदा होगी। किसी बेटी का पिता होना हर व्यक्ति के लिए गर्व की बात है।"*
*पत्नी - "पर वो हमेशा हमारे साथ नही रहेगी...?"*
*पति- "हां, पर हम हमेशा उसके दिल में रहेंगे।"*
*"इससे कोई फर्क नही पडेगा चाहे वो कही भी जाए, बेटियाँ परी होती हैं"*
*"जो सदा बिना शर्त के प्यार और देखभाल के लिए जन्म लेती है।"*
बेटियाँ सब के मुकद्दर में, कहाँ होती हैं
जो घर ईश्वर को पसंद हो, वहां होती हैं
संस्कृत की क्लास मे गुरूजी ने पूछा- पप्पू इस श्लोक का अर्थ बताओ...
"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"
पप्पू- राधिका शायद रस्ते मे फल बेचने का काम कर रही है...
गुरूजी- मूर्ख, ये अर्थ नही होता है. चल इ
संस्कृत की क्लास मे गुरूजी ने पूछा- पप्पू इस श्लोक का अर्थ बताओ...
"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"
पप्पू- राधिका शायद रस्ते मे फल बेचने का काम कर रही है...
गुरूजी- मूर्ख, ये अर्थ नही होता है. चल इसका अर्थ बता:-
"बहुनि मे व्यतीतानि, जन्मानि तव चार्जुन."
पप्पू- मेरी बहू के कई बच्चे पैदा हो चुके हैं, सभी का जन्म चार जून को हुआ है.😬😬😬😬
गुरूजी- अरे गधे, संस्कृत पढता है कि घास चरता है. अब इसका अर्थ बता-
"दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तू जनकात्मजा."
पप्पू- दक्षिण मे खडे होकर लक्ष्मण बोला जनक आजकल तो तू बहुत मजे मे है...
गुरूजी- अरे पागल, तुझे १ भी श्लोक का अर्थ नही मालूम है क्या ?
पप्पू- मालूम है ना...
गूरूजी- तो आखरी बार पूछता हूँ इस श्लोक का सही सही अर्थ बताना-
हे पार्थ त्वया चापि मम चापि... का क्या अर्थ है जल्दी से बता...
पप्पू- महाभारत के युद्ध मे श्रीकृष्ण भगवान अर्जुन से कह रहे हैं कि...
गुरूजी उत्साहित होकर बीच मे ही कहते हैं- हाँ, शाबास, बता क्या कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से..?
पप्पू: भगवान बोले- अर्जुन तू भी चाय पी ले, मैं भी चाय पी लेता हूँ. फिर युद्ध करेंगे...
गुरूजी बेहोश...
😀😀😀😀
पत्नी जी को किसी पार्टी में जाना था तो उन्होंने अपने पति से पूछा, "सुनो जी मैं कौन सी साड़ी पहनूं ? नीली वाली , पीली वाली या लाल वाली ?
पति : नीली वाली पहन लो ।
पत्नी : लेकिन नीली वाली तो मैंने परसों भी प
पत्नी जी को किसी पार्टी में जाना था तो उन्होंने अपने पति से पूछा, "सुनो जी मैं कौन सी साड़ी पहनूं ? नीली वाली , पीली वाली या लाल वाली ?
पति : नीली वाली पहन लो ।
पत्नी : लेकिन नीली वाली तो मैंने परसों भी पहनी थी और पीली वाली कल ?
पति : अच्छा तो फिर लाल ही पहन लो।
पत्नी : अच्छा सैंडल कौन से अच्छे लगेंगे, फूल वाले या प्लेन ?
पति : प्लेन वाले !
पत्नी : अरे , मैं पार्टी में जा रही हूं, किसी कथा में नहीं ।
पति : ताे ठीक है बाबा , फूल वाले पहन लो।
पत्नी : अच्छा बिंदी कौन सी अच्छी लगेगी ? ओवल या बड़ी या छोटी ?
पति : ओवल ठीक रहेगी।
पत्नी : तुम्हें फैशन का जरा भी आइडिया नहीं है। अरे इस साड़ी पर छोटी बिंदी ही अच्छी लगेगी।
पति : तो ठीक है, मेरी माँ , छोटी ही लगा लो।
पत्नी : अच्छा, पर्स कौन सा जमेगा ? क्लच या बड़ा हैंडबैग।
पति : क्लच ले लो ।
पत्नी : अरे यार, अाजकल तो बड़े हैंडबैग का फैशन है।
पति : अरे बाबा तो वही ले जाओ। मुझे क्या करना है। बस पार्टी को एंजॉय करना।
पत्नी जी जब पार्टी से लौटकर आई तो बड़े गुस्से में थी।
पति : अरे क्या हुआ ? मुंह क्यूँ फूला है ?
पत्नी : तुम एक भी काम ढंग से नहीं कर सकते क्या ? फेसबुक पर ही टचे रहते हो ?
पति : क्यों , मैंने क्या गलत कर दिया ?
पत्नी : पार्टी में सब मेरा मजाक उड़ा रहे थे कि कैसी साड़ी पहनकर आ गई, कैसी बिंदी लगाई है, पर्स और सैंडल पर भी कमेंट पास कर रहे थे । एक भी लाइक नहीं कर रहा था !
पति : तो इसमें मेरी क्या गलती है ?
पत्नी : सब मैंने तुमसे ही पूछ कर किया था न ? ढंग से नहीं बता सकते थे क्या ? इससे तो अच्छा था कि मैं खुद ही डिसाइड कर लेती।
मोहल्ले की एक औरत पड़ोस में दही लेने गई ..
सास बाजार गई थी, बहु ने कहा - दही नहीं है, कल हमने कढ़ी बना ली |
औरत वापस जा रही थी .. रास्ते में सास मिल गई,
औरत ने सास को बताया, तुम्हारे घर दही लेने गई थी, तुम्हार
मोहल्ले की एक औरत पड़ोस में दही लेने गई ..
सास बाजार गई थी, बहु ने कहा - दही नहीं है, कल हमने कढ़ी बना ली |
औरत वापस जा रही थी .. रास्ते में सास मिल गई,
औरत ने सास को बताया, तुम्हारे घर दही लेने गई थी, तुम्हारी बहू ने कहा - दही नहीं है, कल हमने कढ़ी बना ली |
सास बोली ' मेरे साथ चल '
घर आकर सास उस औरत से बोली - दही नहीं है, कल हमने कढ़ी बना ली |
वो औरत बोली, ये बात तो तुम्हारी बहु ने ही कही थी, फिर मुझे वापस क्यों लाईं ?
सास बोली : *बहु कौन होती है! मना करने वाली, मना करना है तो मैं करुंगी