*किस से कैसे बात करनी चाहिए*
माँ से = बिना भेद ...खुलकर बात करनी चाहिए
बाप से = आदर के साथ ...
भाई से = दिल खोल के...
बहन से = प्यार से ...
बच्चों से = दुलार से..
अफसर से = नम्रता से ...
समधी से = सन्मान देकर...
दोस्तों से =
*किस से कैसे बात करनी चाहिए*
माँ से = बिना भेद ...खुलकर बात करनी चाहिए
बाप से = आदर के साथ ...
भाई से = दिल खोल के...
बहन से = प्यार से ...
बच्चों से = दुलार से..
अफसर से = नम्रता से ...
समधी से = सन्मान देकर...
दोस्तों से = हंसी मजाक से ...
भगवान से = आँख भर के...
गुरूजी से = नजर नीची कर के...
दुकान वाले से = कड़क रहकर..
ग्राहक से = ईमानदारी से...
और
*घरवाली से ....अं हं हं हं ह ह.....*
यहाँ पर आते ही पूरा ध्यान रखे .....
इनके आगे चुप ही रहना चाहिए ....
नत-मस्तक होकर इनकी पूरी बात सुन लेनी चाहिए ...
इनके आगे बोलना घातक सिद्ध हो सकता है
😛😛😛😛😛😛😛😀😀😀😀😉😉😉
पति रोज रात को शक्कर का डिब्बा खोलकर देखता... 😮
और सो जाता..! 😴
.
पत्नी से रहा नही गया और उसने पति से पूछ ही लिया :
.
''क्यूं जी ये रोज रोज आप शक्कर का डिब्बा खोलकर क्या देखते हो...?” 😕
पति:- अरे, डाॅक्टर ने कहा है..घर पर रोज रात को
शुगर चेक कर लिया करो..! 😆
पत्नी बेहोश..!
😂😂😂😂
So Funny...😂😨😂
कुछ हिंदी फ़िल्मी गीत जो कुछ बीमारियों का वर्णन करते हैं:🤔🤔
गीत – जिया जले, जान जले, रात भर धुआं चले
बीमारी – बुखार🤒
गीत – तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
बीमारी – हार्ट अटैक💘
So Funny...😂😨😂
कुछ हिंदी फ़िल्मी गीत जो कुछ बीमारियों का वर्णन करते हैं:🤔🤔
गीत – जिया जले, जान जले, रात भर धुआं चले
बीमारी – बुखार🤒
गीत – तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
बीमारी – हार्ट अटैक💘💔
गीत – सुहानी रात ढल चुकी है, न जाने तुम कब आओगे
बीमारी – कब्ज़😰
गीत – बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया, जिगर म बड़ी आग है
बीमारी – एसिडिटी😡
गीत – तुझमे रब दिखता है, यारा मैं क्या करूँ
बीमारी – मोतियाबिंद😎
गीत – तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना
बीमारी – यादाश्त कमज़ोर🤔
गीत – मन डोले मेरा तन डोले
बीमारी – चक्कर आना😇
गीत – टिप-टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई
बीमारी – यूरिन इन्फेक्शन😅🤒
गीत – जिया धड़क-धड़क जाये
बीमारी – उच्च रक्तचाप😜
गीत – हाय रे हाय नींद नहीं आये
बीमारी – अनिद्रा😖
गीत – बताना भी नहीं आता, छुपाना भी नहीं आता
बीमारी – बवासीर💩
और अंत में
गीत – लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
बीमारी – दस्त🙀
😀😀😀
एक हसीन लडकी राजा के दरबार में डांस कर रही थी...
( राजा बहुत बदसुरत था )
लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत मांगी
राजा ने
एक हसीन लडकी राजा के दरबार में डांस कर रही थी...
( राजा बहुत बदसुरत था )
लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत मांगी
राजा ने कहा , " चलो पुछो ."
लडकी ने कहा , "जब हुस्न बंट रहा था तब आप कहां थे..??
राजा ने गुस्सा नही किया बल्कि मुस्कुराते हुवे कहा
जब तुम हुस्न की लाइन् में खडी हुस्न ले रही थी , ~
तो में किस्मत की लाइन में खडा किस्मत ले रहा था
और आज तुझ जैसीे हुस्न वालीयां मेरी गुलाम की तरह नाच रही है...........
इसलीय शायर खुब कहते है,
हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त ,
हुस्न वाले तो अक्सर नसीब वालों के गुलाम हुआ करते है...
जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह आकर भी भाग जाएगा....!!!!!
🌷🕉🌷 कागज 🌷🕉🌷
राधिका और नवीन को आज तलाक के कागज मिल गए थे। दोनो साथ ही कोर्ट से बाहर निकले। दोनो के परिजन साथ थे और उनके चेहरे पर विजय और सुकून के निशान साफ झलक रहे थे। चार साल की लंबी लड़ाई के ब
🌷🕉🌷 कागज 🌷🕉🌷
राधिका और नवीन को आज तलाक के कागज मिल गए थे। दोनो साथ ही कोर्ट से बाहर निकले। दोनो के परिजन साथ थे और उनके चेहरे पर विजय और सुकून के निशान साफ झलक रहे थे। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद आज फैसला हो गया था।
दस साल हो गए थे शादी को मग़र साथ मे छः साल ही रह पाए थे। चार साल तो तलाक की कार्यवाही में लग गए। राधिका के हाथ मे दहेज के समान की लिस्ट थी जो अभी नवीन के घर से लेना था और नवीन के हाथ मे गहनों की लिस्ट थी जो राधिका से लेने थे।
साथ मे कोर्ट का यह आदेश भी था कि नवीन दस लाख रुपये की राशि एकमुश्त राधिका को चुकाएगा। राधिका और नवीन दोनो एक ही टेम्पो में बैठकर नवीन के घर पहुंचे। दहेज में दिए समान की निशानदेही राधिका को करनी थी। इसलिए चार वर्ष बाद ससुराल जा रही थी। आखरी बार बस उसके बाद कभी नही आना था उधर।
सभी परिजन अपने अपने घर जा चुके थे। बस तीन प्राणी बचे थे।नवीन, राधिका और राधिका की माता जी।
नवीन घर मे अकेला ही रहता था। मां-बाप और भाई आज भी गांव में ही रहते हैं। राधिका और नवीन का इकलौता बेटा जो अभी सात वर्ष का है कोर्ट के फैसले के अनुसार बालिग होने तक वह राधिका के पास ही रहेगा। नवीन महीने में एक बार उससे मिल सकता है।
घर मे परिवेश करते ही पुरानी यादें ताज़ी हो गई। कितनी मेहनत से सजाया था इसको राधिका ने। एक एक चीज में उसकी जान बसी थी। सब कुछ उसकी आँखों के सामने बना था।एक एक ईंट से धीरे धीरे बनते घरोंदे को पूरा होते देखा था उसने। सपनो का घर था उसका। कितनी शिद्दत से नवीन ने उसके सपने को पूरा किया था। नवीन थकाहारा सा सोफे पर पसर गया। बोला "ले लो जो कुछ भी चाहिए मैं तुझे नही रोकूंगा" राधिका ने अब गौर से नवीन को देखा। चार साल में कितना बदल गया है। बालों में सफेदी झांकने लगी है। शरीर पहले से आधा रह गया है। चार साल में चेहरे की रौनक गायब हो गई।
वह स्टोर रूम की तरफ बढ़ी जहाँ उसके दहेज का अधिकतर समान पड़ा था। सामान ओल्ड फैशन का था इसलिए कबाड़ की तरह स्टोर रूम में डाल दिया था। मिला भी कितना था उसको दहेज। प्रेम विवाह था दोनो का। घर वाले तो मजबूरी में साथ हुए थे।
प्रेम विवाह था तभी तो नजर लग गई किसी की। क्योंकि प्रेमी जोड़ी को हर कोई टूटता हुआ देखना चाहता है।
बस एक बार पीकर बहक गया था नवीन। हाथ उठा बैठा था उसपर। बस वो गुस्से में मायके चली गई थी।
फिर चला था लगाने सिखाने का दौर । इधर नवीन के भाई भाभी और उधर राधिका की माँ। नोबत कोर्ट तक जा पहुंची और तलाक हो गया।
न राधिका लौटी और न नवीन लाने गया।
राधिका की माँ बोली" कहाँ है तेरा सामान? इधर तो नही दिखता। बेच दिया होगा इस शराबी ने ?" "चुप रहो माँ"
राधिका को न जाने क्यों नवीन को उसके मुँह पर शराबी कहना अच्छा नही लगा।
फिर स्टोर रूम में पड़े सामान को एक एक कर लिस्ट में मिलाया गया। बाकी कमरों से भी लिस्ट का सामान उठा लिया गया। राधिका ने सिर्फ अपना सामान लिया नवीन के समान को छुवा भी नही। फिर राधिका ने नवीन को गहनों से भरा बैग पकड़ा दिया। नवीन ने बैग वापस राधिका को दे दिया " रखलो, मुझे नही चाहिए काम आएगें तेरे मुसीबत में ।" गहनों की किम्मत 15 लाख से कम नही थी। "क्यूँ, कोर्ट में तो तुम्हरा वकील कितनी दफा गहने-गहने चिल्ला रहा था"
"कोर्ट की बात कोर्ट में खत्म हो गई, राधिका। वहाँ तो मुझे भी दुनिया का सबसे बुरा जानवर और शराबी साबित किया गया है।" सुनकर राधिका की माँ ने नाक भों चढ़ाई।
"नही चाहिए। वो दस लाख भी नही चाहिए" "क्यूँ?" कहकर नवीन सोफे से खड़ा हो गया। "बस यूँ ही" राधिका ने मुँह फेर लिया। "इतनी बड़ी जिंदगी पड़ी है कैसे काटोगी? ले जाओ,,, काम आएगें।" इतना कह कर नवीन ने भी मुंह फेर लिया और दूसरे कमरे में चला गया। शायद आंखों में कुछ उमड़ा होगा जिसे छुपाना भी जरूरी था।
राधिका की माता जी गाड़ी वाले को फोन करने में व्यस्त थी। राधिका को मौका मिल गया। वो नवीन के पीछे उस कमरे में चली गई। वो रो रहा था। अजीब सा मुँह बना कर। जैसे भीतर के सैलाब को दबाने दबाने की जद्दोजहद कर रहा हो। राधिका ने उसे कभी रोते हुए नही देखा था। आज पहली बार देखा न जाने क्यों दिल को कुछ सुकून सा मिला।
मग़र ज्यादा भावुक नही हुई। सधे अंदाज में बोली "इतनी फिक्र थी तो क्यों दिया तलाक?"
"मैंने नही तलाक तुमने दिया" "दस्तखत तो तुमने भी किए" "माफी नही माँग सकते थे?" "मौका कब दिया तुम्हारे घर वालों ने। जब भी फोन किया काट दिया।" "घर भी आ सकते थे"?
"हिम्मत नही थी?" राधिका की माँ आ गई। वो उसका हाथ पकड़ कर बाहर ले गई। "अब क्यों मुँह लग रही है इसके? अब तो रिश्ता भी खत्म हो गया"
मां-बेटी बाहर बरामदे में सोफे पर बैठकर गाड़ी का इंतजार करने लगी। राधिका के भीतर भी कुछ टूट रहा था। दिल बैठा जा रहा था। वो सुन्न सी पड़ती जा रही थी। जिस सोफे पर बैठी थी उसे गौर से देखने लगी। कैसे कैसे बचत कर के उसने और नवीन ने वो सोफा खरीदा था। पूरे शहर में घूमी तब यह पसन्द आया था।" फिर उसकी नजर सामने तुलसी के सूखे पौधे पर गई। कितनी शिद्दत से देखभाल किया करती थी। उसके साथ तुलसी भी घर छोड़ गई।
घबराहट और बढ़ी तो वह फिर से उठ कर भीतर चली गई। माँ ने पीछे से पुकारा मग़र उसने अनसुना कर दिया। नवीन बेड पर उल्टे मुंह पड़ा था। एक बार तो उसे दया आई उस पर। मग़र वह जानती थी कि अब तो सब कुछ खत्म हो चुका है इसलिए उसे भावुक नही होना है।
उसने सरसरी नजर से कमरे को देखा। अस्त व्यस्त हो गया है पूरा कमरा। कहीं कंही तो मकड़ी के जाले झूल रहे हैं। कितनी नफरत थी उसे मकड़ी के जालों से? फिर उसकी नजर चारों और लगी उन फोटो पर गई जिनमे वो नवीन से लिपट कर मुस्करा रही थी। कितने सुनहरे दिन थे वो।
इतने में माँ फिर आ गई। हाथ पकड़ कर फिर उसे बाहर ले गई।
बाहर गाड़ी आ गई थी। सामान गाड़ी में डाला जा रहा था। राधिका सुन सी बैठी थी। नवीन गाड़ी की आवाज सुनकर बाहर आ गया।
अचानक नवीन कान पकड़ कर घुटनो के बल बैठ गया।
बोला--" मत जाओ,,, माफ कर दो" शायद यही वो शब्द थे जिन्हें सुनने के लिए चार साल से तड़प रही थी। सब्र के सारे बांध एक साथ टूट गए। राधिका ने कोर्ट के फैसले का कागज निकाला और फाड़ दिया ।
और मां कुछ कहती उससे पहले ही लिपट गई नवीन से। साथ मे दोनो बुरी तरह रोते जा रहे थे।
दूर खड़ी राधिका की माँ समझ गई कि कोर्ट का आदेश दिलों के सामने कागज से ज्यादा कुछ नही।
एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी !
इस पर पुजारी ने पूछा -- क्यों ?
तब महिला बोली -- मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की
एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी !
इस पर पुजारी ने पूछा -- क्यों ?
तब महिला बोली -- मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो मंदिर को ही गपशप करने का स्थान चुन रखा है ! कुछ पूजा कम पाखंड,दिखावा ज्यादा करते हैं !
इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा -- सही है ! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या आप मेरे कहने से कुछ कर सकती हैं !
महिला बोली -आप बताइए क्या करना है ?
पुजारी ने कहा -- एक गिलास पानी भर लीजिए और 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए । शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नहीं चाहिये !
महिला बोली -- मैं ऐसा कर सकती हूँ !
फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा ही कर दिखाया ! उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे -
1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा?
2.क्या आपने किसी को मंदिर में गपशप करते देखा?
3.क्या किसी को पाखंड करते देखा?
महिला बोली -- नहीं मैंने कुछ भी नहीं देखा !
फिर पुजारी बोले --- जब आप परिक्रमा लगा रही थीं तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इसमें से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नहीं दिया|
अब जब भी आप मंदिर आयें तो अपना ध्यान सिर्फ़ परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई नहीं देगा| सिर्फ भगवान ही सर्वत्र दिखाई देगें|
आता हूँ "श्याम"... दर पर तेरे
अपना सर झुकाने को...।
सौ जन्म भी कम है...
एहसान तेरा चुकाने को ।।
🙏🏻🙏🏻जय श्री श्याम जी 🙏🏻🙏🏻
मिर्ज़ा ग़ालिब:-- 😂😂
"हमें तो अपनों ने लूटा , गैरो में कहाँ दम था,,
अपनी कश्ती वहां डूबी , जहां पानी कम था "
ग़ालिब की पत्नी: --- 😂😂
" तुम तो थे ही गधे , तुम्हारे भेजे में कहाँ दम था,,
वहां कश्ती लेकर गए ही क्यों , जहाँ पानी कम था " !!
😝😝😜😜😜😛😛😂😂
नई टीचर
लड़कियों के स्कूल में आने वाली नई टीचर बेहद खूबसूरत और शैक्षणिक तौर पर भी मजबूत थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी...
सब लड़कियां उसके इर्द-गिर्द जमा हो गईं और मज़ाक करने लगी कि मैडम आपन
नई टीचर
लड़कियों के स्कूल में आने वाली नई टीचर बेहद खूबसूरत और शैक्षणिक तौर पर भी मजबूत थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी...
सब लड़कियां उसके इर्द-गिर्द जमा हो गईं और मज़ाक करने लगी कि मैडम आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की...?
मैडम ने दास्तान कुछ यूं शुरू की- एक महिला की पांच बेटियां थीं, पति ने उसको धमकी दी कि अगर इस बार भी बेटी हुई तो उस बेटी को बाहर किसी सड़क या चौक पर फेंक आऊंगा, ईश्वर की मर्जी वो ही जाने कि छटी बार भी बेटी ही पैदा हुई और पति ने बेटी को उठाया और रात के अंधेरे में शहर के बीचों-बीच चौक पर रख आया, मां पूरी रात उस नन्हीं सी जान के लिए दुआ करती रही और बेटी को ईश्वर के सुपुर्द कर दिया।
दूसरे दिन सुबह पिता जब चौक से गुजरा तो देखा कि कोई बच्ची को नहीं ले गया है, बाप बेटी को वापस घर लाया लेकिन दूसरी रात फिर बेटी को चौक पर रख आया लेकिन रोज़ यही होता रहा, हर बार पिता बाहर रख आता और जब कोई लेकर नहीं जाता तो मजबूरन वापस उठा लाता, यहां तक कि उसका पिता थक गया और ईश्वर की मर्जी पर राज़ी हो गया।
फिर ईश्वर ने कुछ ऐसा किया कि एक साल बाद मां फिर पेट से हो गई और इस बार उनको बेटा हुआ, लेकिन कुछ ही दिन बाद बेटियों में से एक की मौत हो गई, यहां तक कि माँ पांच बार पेट से हुई और पांच बेटे हुए लेकिन हर बार उसकी बेटियों में से एक इस दुनियां से चली जाती ।
सिर्फ एक ही बेटी ज़िंदा बची और वो वही बेटी थी जिससे बाप जान छुड़ाना चाह रहा था, मां भी इस दुनियां से चली गई इधर पांच बेटे और एक बेटी सब बड़े हो गए।
टीचर ने कहा- पता है वो बेटी जो ज़िंदा रही कौन है ? "वो मैं हूं" और मैंने अभी तक शादी इसलिए नहीं की, कि मेरे पिता इतने बूढ़े हो गए हैं कि अपने हाथ से खाना भी नहीं खा सकते और कोई दूसरा नहीं जो उनकी सेवा करें। बस मैं ही उनकी खिदमत किया करती हूं और वो पांच बेटे कभी-कभी आकर पिता का हालचाल पूछ जाते हैं ।
पिता हमेशा शर्मिंदगी के साथ रो-रो कर मुझ से कहा करते हैं, मेरी प्यारी बेटी जो कुछ मैंने बचपन में तेरे साथ किया उसके लिए मुझे माफ करना।
😂😂😂😂😂😂😊
अकबर : मुझे इस राज्य से 5 मूर्ख ढूंढ कर दिखाओ.!!
बीरबल ने खोज शुरू की.
एक महीने बाद वापस आये सिर्फ 2 लोगों के साथ।
अकबर ने कहा मैने 5 मूर्ख लाने के लिये कहा था !!
बीरबल ने कहां हुजुर लाया हूँ। प
😂😂😂😂😂😂😊
अकबर : मुझे इस राज्य से 5 मूर्ख ढूंढ कर दिखाओ.!!
बीरबल ने खोज शुरू की.
एक महीने बाद वापस आये सिर्फ 2 लोगों के साथ।
अकबर ने कहा मैने 5 मूर्ख लाने के लिये कहा था !!
बीरबल ने कहां हुजुर लाया हूँ। पेश करने का मौका दिया जाय..
आदेश मिल गया।😂
बीरबल ने कहा- हुजुर यह पहला मूर्ख है। मैने इसे बैलगाडी पर बैठ कर भी बैग सर पर ढोते हुए देखा और पूछने पर जवाब मिला के कहीं बैल के उपर ज्यादा लोड
ना हो जाए इसलिये बैग सिर पर ढो रहा हुँ!!
इस हिसाब से यह पहला मूर्ख है!!😂
दूसरा मूर्ख यह आदमी है जो आप के सामने खडा है. मैने देखा इसके घर के ऊपर छत पर घास निकली थी. अपनी भैंस को छत पर ले जाकर घास खिला रहा था. मैने देखा और पूछा तो जवाब मिला कि घास छत पर जम जाती है तो भैंस को ऊपर ले जाकर घास खिला देता हूँ. हुजुर
जो आदमी अपने घर की छत पर जमी घास को काटकर फेंक नहीं सकता और भैंस को उस छत पर ले जाकर घास खिलाता है, तो उससे बडा मूर्ख और कौन हो सकता है!!!
तीसरा मूर्ख: बीरबल ने आगे कहा. जहाँपनाह अपने राज्य मे इतना काम है. पूरी नीति मुझे सम्हालना है. फिर भी मै मूर्खों को ढूढने में एक महीना बर्बाद कर रहा हूॅ इसलिये तीसरा मूर्ख मै
ही हूँ.
चौथा मूर्ख.. जहाँपनाह. पूरे राज्य की जिम्मेदारी आप के ऊपर है.
दिमाग वालों से ही सारा काम होने वाला है. मूर्खों से कुछ होने वाला नहीं है. फिर भी आप मूर्खों को ढूढ रहे हैं. इस लिये चौथा मूर्ख जहाँपनाह आप हुए।
पांचवा मूर्ख...जहाँ पनाह मै बताना चाहता हूँ कि दुनिया भर के काम धाम को छोड़कर. घर परिवार को छोड़कर. पढाई लिखाई पर ध्यान ना देकर, फेसबुक पर पूरा ध्यान लगा कर और पाँचवें मूर्ख को जानने के लिए अब भी पोस्ट पढ़ रहा है वही पाँचवा मूर्ख है
🙈🙉🙊🙊💩😂😂😂😂😂😂😜
टीचर–तुम दो दिन स्कूल क्यों नहीं आये?
छेदन–मैडम मेरी एक ही चड्ढी है उसे मम्मी ने धो दिया
इसीलिए मैं परसों नहीं आया
टीचर–और कल क्यों नहीं आये थे?
छेदन–कल मैं स्कूल जाने के लिए निकला था
रास्ते में आपके घर के बाहर देखा आपकी चड्ढी सुख रही
थी तो मैंने सोचा आज आप स्कूल नहीं गयी
और इसलिए मैं वापस घर आ गया।
😂😁😀😜😝😋😎😍😂😁😀😁😂
😂😂😂😂 और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं 😂😂😂😂
श्रीमती जी ने पूछा: "इस बार एनिवर्सरी पर क्या गिफ्ट दे रहे हो?"
मैंने पूछा: " क्या एनिवर्सरी इसी महीने है?"
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
🙄🙄🙄🙄🙄
श्रीमती जी ने कह
😂😂😂😂 और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं 😂😂😂😂
श्रीमती जी ने पूछा: "इस बार एनिवर्सरी पर क्या गिफ्ट दे रहे हो?"
मैंने पूछा: " क्या एनिवर्सरी इसी महीने है?"
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
🙄🙄🙄🙄🙄
श्रीमती जी ने कहा: "क्यों न आज बाहर खाना खाएं?"
🍸🍹🍴🍽🍪🍮🍿
और मैंने खाने की टेबल बाहर बरामदे में लगा दी।
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
😡😡😡
श्रीमती जी ने कहा: "क्या इस साल मैं उम्मीद रखूं कि गर्मी की छुट्टियों में हम कहीं चलेंगे?"
मैंने कहा: "उम्मीद रखो। उम्मीद तो कभी छोड़नी नहीं चाहिए!"
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं
😡😡😡
मैंने किताब में पढ़ा था पत्नी के खाने की तारीफ करो।
सो मैंने कहा: "तुमने आज बहुत बढ़िया सब्ज़ी बनाई है। आज कुछ अलग ही स्वाद है!"
और श्रीमती जी नाराज़ हो गईं (बिटिया ने बताया कि सब्ज़ी पड़ोस वाली आंटी दे गई थी।
😡😡😡
"बुद्धिमान कौन "
एक गाँव में एक बनिया रहता था, उसकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी।
एक बार वहाँ के राजा ने उसे चर्चा पर बुलाया। काफी देर चर्चा के बाद उसने कहा –
“महाशय, आप बहुत बड़े सेठ है, इतना बड़ा का
"बुद्धिमान कौन "
एक गाँव में एक बनिया रहता था, उसकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी।
एक बार वहाँ के राजा ने उसे चर्चा पर बुलाया। काफी देर चर्चा के बाद उसने कहा –
“महाशय, आप बहुत बड़े सेठ है, इतना बड़ा कारोबार है पर आपका लडका इतना मूर्ख क्यों है ? उसे भी कुछ सिखायें।
उसे तो सोने चांदी में मूल्यवान क्या है यह भी नही पता॥” यह कहकर वह जोर से हंस पडा..
बनिए को बुरा लगा, वह घर गया व लडके से पूछा “सोना व चांदी में अधिक मूल्यवान क्या है ?”
“सोना”, बिना एकपल भी गंवाए उसके लडके ने कहा।
“तुम्हारा उत्तर तो ठीक है, फिर राजा ने ऐसा क्यूं कहा-? सभी के बीच मेरी खिल्ली भी उठाई।”
लडके के समझ मे आ गया, वह बोला “राजा गाँव के पास एक खुला दरबार लगाते हैं,
जिसमें सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल होते हैं। यह दरबार मेरे स्कूल जाने के मार्ग मे ही पडता है।
मुझे देखते हि बुलवा लेते हैं, अपने एक हाथ मे सोने का व दूसरे मे चांदी का सिक्का रखकर, जो अधिक मूल्यवान है वह ले लेने को कहते हैं...
ओर मैं चांदी का सिक्का ले लेता हूं। सभी ठहाका लगाकर हंसते हैं व मजा लेते हैं। ऐसा तकरीबन हर दूसरे दिन होता है।”
“फिर तुम सोने का सिक्का क्यों नही उठाते, चार लोगों के बीच अपनी फजिहत कराते हो व साथ मे मेरी भी।”
लडका हंसा व हाथ पकडकर पिता को अंदर ले गया ऒर कपाट से एक पेटी निकालकर दिखाई जो चांदी के सिक्कों से भरी हुई थी।
यह देख बनिया हतप्रभ रह गया।
लडका बोला “जिस दिन मैंने सोने का सिक्का उठा लिया उस दिन से यह खेल बंद हो जाएगा।
वो मुझे मूर्ख समझकर मजा लेते हैं तो लेने दें, यदि मैं बुद्धिमानी दिखाउंगा तो कुछ नही मिलेगा।”
बनिए का बेटा हु अक़्ल से काम लेता हूँ
करवा चौथ का ये त्यौहार,
आये और लाये खुशियाँ हज़ार,
यही है दुआ हमारी,
आप हर बार मनाये ये त्यौहार,
सलामत रहें आप और आपका परिवार।
धन्य है वो देवी जो पति सुख हेतु व्रत पावें,
धन्य है वो पति जो देवी रूप पत्नी पावें,
धन्य है वो स्वरुप जो मनुष्यता का दीप जलावें।
Sindoor (vermilion) on forehead as a
prayer for husband's long life.
Mangal Sutra on the neck reminding
her promise to be bound to him.
Mehndi application on hands
to prove the depth of her love.
Let us all promise to respect
and honour our wives at all times.