😂😂😂(((((रिपोर्ट कार्ड )))))😂😂😂
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पापा आफिस में पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया! सुरीली आवाज में एक मैम बोलीं - "सर! आप की बेटी जो सेकंड क्लास में है, मैं उसकी क्लास टीचर बोल रहीं हूँ। आज पैरंट्स टी
😂😂😂(((((रिपोर्ट कार्ड )))))😂😂😂
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पापा आफिस में पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया! सुरीली आवाज में एक मैम बोलीं - "सर! आप की बेटी जो सेकंड क्लास में है, मैं उसकी क्लास टीचर बोल रहीं हूँ। आज पैरंट्स टीचर मीटिंग है। रिपोर्ट कार्ड दिखाया जाएगा। आप अपनी बेटी के साथ टाईम से पहुंचें।".. बेचारे पापा क्या करते। आदेश के पाबंद... तुरंत छुट्टी लेकर, घर से बेटी को लेकर स्कूल पहुंच गए। सामने गुलाबी साड़ी पहने,छोटी सी बिंदी लगाए, नयी उम्र की, गोरी सी लेकिन बेहद तेज मैम बैठी थी। पापा कुछ बोल पाते कि इससे पहले लगभग डांटते हुए बोलीं -" आप अभी रुकिए, मैं आप से अलग बात करूंगी।"
पापा ने बेटी की तरफ देखा, और दोनों चुपचाप पीछे जाकर बैठ गए। "मैम बहुत गुस्से में लगती हैं" - बेटी ने धीरे से कहा। "तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड तो ठीक है" - उसी तरह पापा भी धीरे से बोले। "पता नहीं पापा, मैंने तो देखा नहीं। "-बेटी ने अपना बचाव किया। "मुझे भी लगता है, आज तुम्हारी मैम तुम्हारे साथ मेरी भी क्लास लेंगी।" - पापा खुद को तैयार करते हुए बोले।
वो दोनों आपस में फुसफुसा ही रहे थे कि तभी मैम खाली होकर बोलीं - "हाँ! अब आप दोनों भी आ जाइए।पापा किसी तरह उस शहद भरी मिर्ची सी आवाज के पास पहुंचे। और बेटी पापा के के पीछे छुप कर खड़ी हो गई।
मैम- देखिए! आप की बेटी की शिकायत तो बहुत है लेकिन पहले आप इसकी परीक्षा की कापियां और रिपोर्ट देखिए। और बताइए इसको कैसे पढ़ाया जाये।
... मैम ने सारांश में लगभग सारी बात कह दी..
मैम- पहले इंग्लिश की कापी देखिए.. फेल है आप की बेटी।
... पापा ने एक नजर बेटी को देखा, जो सहमी सी खड़ी थी.. फिर मुस्कुरा कर बोले...
पापा - अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है। इस अम्र में बच्चे अपनी ही भाषा नहीं समझ पाते।
... इतना मैम को चिढ़ने के लिए काफी था...
मैम- अच्छा! और ये देखिए! ये हिंदी में भी फेल है। क्यों?
... पापा ने फिर बेटी की तरफ देखा.. मानो उसकी नजरें साॅरी बोल रहीं हों...
पापा - हिंदी एक कठिन भाषा है। ध्वनि आधारित है। इसको जैसा बोला जाता है, वैसा लिखा जाता है। अब आप के इंग्लिश स्कूल में कोई शुद्ध हींदी बोलने वाला नहीं होगा...
.....पापा की बात मैम बीच में काटते हुए बोलीं...
मैम - अच्छा... तो आप और बच्चों के बारे में क्या कहेंगे जो....
इस बार पापा ने मैम की बात काट कर बोले..
पापा - और बच्चे क्यों फेल हुए ये मैं नहीं बता सकता... मै तो....
मैम चिढ़ते हुए बोली - "आप पूरी बात तो सुन लिया करो, मेरा मतलब था कि और बच्चे कैसे पास हो गये..." फेल नहीं"...अच्छा छोड़ो ये दूसरी कापी देखो आप। आज के बच्चे जब मोबाइल और लैपटॉप की रग रग से वाकिफ हैं तो आप की बच्ची कम्प्यूटर में कैसे फेल हो गई?
.... पापा इस बार कापी को गौर से देखते हुए, गंभीरता से बोले - "ये कोई उम्र है कम्प्यूटर पढ़ने और मोबाइल चलाने की। अभी तो बच्चों को फील्ड में खेलना चाहिए।
... मैम का पारा अब सातवें आसमान पर था... वो कापियां समेटते हुए बोली-" सांइस की कापी दिखाने से तो कोई फायदा है नहीं। क्योंकि मैं भी जानती हूँ कि अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन फेल होते थे।"
... पापा चुपचाप थे...
मैम ने फिर शिकायत आगे बढ़ाई - "ये क्लास में डिस्पलिन में नहीं रहती, बात करती है, शोर करती है, इधर-उधर घूमती है।
पापा ने मैम को बीच में रोक कर, खोजती हुई निगाह से बोले...
पापा - वो सब छोड़िए! आप कुछ भूल रहीं हैं। इसमें गणित की कापी कहां है। उसका रिजल्ट तो बताइए।
मैंम-(मुंह फेरते हुए) हां, उसे दिखाने की जरूरत नहीं है।
पापा - फिर भी, जब सारी कापियां दिखा दी तो वही क्यों बाकी रहे।
मैम ने इस बार बेटी की तरफ देखा और अनमने मन से गणित की कापी निकाल कर दे दी।
.... गणित का नम्बर, और विषयों से अलग था.... 100%.....
मैम अब भी मुंह फेरे बैठी थीं, लेकिन पापा पूरे जोश में थे।
पापा - हाँ तो मैंम, मेरी बेटी को इंग्लिश कौन पढ़ाता है?
:
मैम- (धीरे से) मैं!
:
पापा - और हिंदी कौन पढ़ाता है?
:
मैम- "मै"
:
पापा - और कम्प्यूटर कौन पढ़ाता है?
:
मैम- वो भी "मैं"
:
पापा - अब ये भी बता दीजिए कि गणित कौन पढ़ाता है?
:
मैम कुछ बोल पाती, पापा उससे पहले ही जवाब देकर खड़े हो गए...
पापा - "मैं"...
:
मैम - (झेंपते हुए) हां पता है।
:
पापा- तो अच्छा टीचर कौन है????? दुबारा मुझसे मेरी बेटी की शिकायत मत करना। बच्ची है। शरारत तो करेगी ही।
:
मैम तिलमिला कर खड़ी हो गई और जोर से बोलीं-"""मिलना तुम दोनों आज घर पर, दोनों बाप बेटी की अच्छे से खबर लेती हूं"""!!!!
:
:
:
(((कुछ समझे? )))
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एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता। आगे बढ़ता पैरों के निशान देखता और खुश होता,
इतने में एक लहर आई और उसके पैरों के
एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता। आगे बढ़ता पैरों के निशान देखता और खुश होता,
इतने में एक लहर आई और उसके पैरों के सभी निशान मिट गये, इस पर केकड़े को बड़ा गुस्सा आया, उसने लहर से कहा -
ए लहर मैं तो तुझे अपना मित्र मानता था, पर ये तूने क्या किया, मेरे बनाये सुंदर पैरों के निशानों को ही मिटा दिया कैसी दोस्त हो तुम।
तब लहर बोली वो देखो पीछे से मछुआरे पैरों के निशान देख कर केकड़ों को पकड़ने आ रहे हैं। हे मित्र, तुमको वो पकड़ न लें, बस इसीलिए मैंने निशान मिटा दिए। ये सुनकर केकड़े की आँखों में आँसू आ गये।
सच यही है, कई बार हम सामने वाले की बातों को समझ नहीं पाते और अपनी सोच अनुसार उसे गलत समझ लेते हैं जबकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, अतः मन में बैर और वैमनष्यता लाने से बेहतर है कि हम दिल से सोचें दिल की सुने फिर निष्कर्ष निकालें।
🍃🍂तेरी यादें अधूरी मुलाकाते,
अधूरी बातें,अधूरे दिन अधूरी राते🍂🍃
दिल ही दिल में रह गयी....
दिल की कुछ अनकही बातें,
होठों पर बस गयी आकर....
कुछ अनचाही मुस्कुराहटें,
बाते जो अधूरी रह गयी दिल में...
बन
🍃🍂तेरी यादें अधूरी मुलाकाते,
अधूरी बातें,अधूरे दिन अधूरी राते🍂🍃
दिल ही दिल में रह गयी....
दिल की कुछ अनकही बातें,
होठों पर बस गयी आकर....
कुछ अनचाही मुस्कुराहटें,
बाते जो अधूरी रह गयी दिल में...
बन गयी एक किताब तेरी यादों की,
नम हो जाती है आँखे,
तेरी याद में जब भी मै....
यादों की किताब को पढ़ता हूँ,
दिल तो चुप रहता है.....मगर
पन्ने रो पड़ते है,
लब तो खामोश रहते है....मगर
आंसूं बहने लगते है,
नजरे तेरी राह देखती है....मगर
कदम पीछे हट जाते है,
तुम बिन रह गया बहुत कुछ,
अनकहा और अधूरा....
अधूरी मुलाकाते, अधूरी बातें,
अधूरे दिन अधूरी राते,
रह गया मै भी अधूरा
दिल में लेकर कुछ अनकही बातें....!
एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी बेटी ने जन्म लिया..
बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता,,
उसने बेटी को पाला जरूर, मगर दिल से नही....
वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल की फीस
एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी बेटी ने जन्म लिया..
बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता,,
उसने बेटी को पाला जरूर, मगर दिल से नही....
वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल की फीस टाइम से जमा करता,
और ना ही कापी किताबों पर ध्यान देता था...
अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम मचाता था........
उस लडकी की माँ बहुत अच्छी व बहुत भोली भाली थी
वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से रखती थी..
वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की फीस जमा करती और कापी किताबों का खर्चा देती थी..
अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे पहन कर गुजारा कर लेती थी, मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी...
पति अक्सर घर से कई कई दिनों के लिये गायब हो जाता था. जितना कमाता था दारू मे ही फूक देता था...
वक्त का पहिया घूमता गया बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी..
दसवीं क्लास में उसका एडमीसन होना था.
माँ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी का स्कूल में दाखिला करा पाती..
बेटी डरडराते हुये पापा से बोली:
पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए
मम्मी के पास पैसै नही है...
बेटी की बात सुनते ही बाप आग वबूला हो गया और चिल्लाने लगा बोला:
तू कितनी भी पड लिख जाये तुझे तो चौका चूल्हा ही सम्भालना है क्या करेगी तू ज्यादा पड लिख कर..
उस दिन उसने घर में आतंक मचाया व सबको मारा पीटा
बाप का व्यहार देखकर बेटी ने मन ही मन में सोच लिया कि अब वो आगे की पढाई नही करेगी....
एक दिन उसकी माँ बाजार गयी बेटी ने पूछा: माँ कहॉ गयी थी
माँ ने उसकी बात को अनसुना करते हुये कहा : बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी
बेटी ने कहा: नही माँ मै अब नही पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी परेशानी उठानी पडती है
पापा भी तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते रोने लगी..
माँ ने उसे सीने से लगाते हुये कहा: बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर आयी हूं मै कराउगी तेरा दखिला..
बेटी ने माँ की ओर देखते हुये पूछा: माँ तुम इतने पैसै कहॉ से लायी हो??
मॉ ने उसकी बात को फिर अनसुना कर दिया..
वक्त वीतता गया माँ ने जी तोड मेहनत करके बेटी को पढाया लिखाया
बेटी ने भी माँ की मेहनत को देखते हुये मन लगा कर दिन रात पढाई की और आगे बडती चली गयी......
इधर बाप दारू पी पी कर बीमार पड गया डाक्टर के पास ले गये
डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर होने पर बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया..
.
कुछ दिनो बाद उसे जब होश आया तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर उसके होश उड गये
वो डाक्टरनी कोई और नही वल्कि उसकी अपनी बेटी थी..
शर्म से पानी पानी बाप कपडे से अपना चेहरा छुपाने लगा और रोने लगा हाथ जोडकर बोला:
बेटी मुझे माफ करना मैं तुझे समझ ना सका...
बाप को रोते देखकर बेटी ने बाप को गले लगा लिया.
दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई फर्क नहीं पडता, अगर इन्सान का इरादा हो तो आसमान में भी छेद हो सकता है
एक दिन बेटी माँ से बोली: माँ तुमने मुझे आजतक नहीं बताया कि मेरे हाईस्कूल के एडमीसन के लिये पैसै कहाँ से लायी थी??
बेटी के बार बार पूछने पर माँ ने जो बात बतायी उसे सुनकर बेटी की रूह काँप गयी....
माँ ने अपने शरीर का खून बेच कर बेटी का एडमीसन कराया था....
दोस्तों तभी तो माँ को भगवान का दर्जा दिया गया है माँ जितना औलाद के लिये त्याग कर सकती है उतना दुनियाँ में कोई और नही..
🍀🍀🍀भुली बीसरी यादे ☘☘
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हमारे बचपन में कपड़े तीन टाइप के ही होते थे •••
स्कूल का ••• घर का ••• और किसी खास मौके का •••
अब तो ••• कैज़
🍀🍀🍀भुली बीसरी यादे ☘☘
👇👇👇👇👇👇👇👇👇
हमारे बचपन में कपड़े तीन टाइप के ही होते थे •••
स्कूल का ••• घर का ••• और किसी खास मौके का •••
अब तो ••• कैज़ुअल, फॉर्मल, नॉर्मल, स्लीप वियर, स्पोर्ट वियर, पार्टी वियर, स्विमिंग, जोगिंग, संगीत ड्रेस, फलाना - ढिमका •••
जिंदगी आसान बनाने चले थे ••• पर वह कपड़ों की तरह कॉम्प्लिकेटेड हो गयी है •••🤕🤕🤔🤔
बचपन में पैसा जरूर कम था पर साला उस बचपन में दम था"
.
"पास में महंगे से मंहगा मोबाइल है पर बचपन वाली गायब वो स्माईल है"
.
"न गैलेक्सी, न वाडीलाल, न नैचुरल था, पर घर पर जमीं आइसक्रीम का मजा ही कुछ ओर था"
.
अपनी अपनी बाईक और कारों में घूम रहें हैं हम पर किराये की उस साईकिल का मजा ही कुछ और था
"बचपन में पैसा जरूर कम था पर यारो उस बचपन में दम था
कभी हम भी बहुत अमीर हुआ करते थे हमारे भी जहाज चला करते थे।
हवा में भी। पानी में भी।
दो दुर्घटनाएं हुई। सब कुछ ख़त्म हो गया।
पहली दुर्घटना
जब क्लास में हवाई जहाज उड़ाया। टीचर के सिर से टकराया।
स्कूल से निकलने की नौबत आ गई। बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई। औऱ जहाज बनाना और उडाना सब छूट गया।
दूसरी दुर्घटना
बारिश के मौसम में, मां ने अठन्नी दी।
चाय के लिए दूध लाना था। कोई मेहमान आया था।
हमने अठन्नी गली की नाली में तैरते अपने जहाज में बिठा दी।
तैरते जहाज के साथ हम शान से चल रहे थे।
ठसक के साथ। खुशी खुशी।
अचानक तेज बहाब आया। और जहाज डूब गया।
साथ में अठन्नी भी डूब गई। ढूंढे से ना मिली।
मेहमान बिना चाय पीये चले गये। फिर जमकर ठुकाई हुई।
घंटे भर मुर्गा बनाया गया। औऱ हमारा पानी में जहाज तैराना भी बंद हो गया।
आज जब प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , तो उन दिनों की याद दिलाती हैं।
वो भी क्या जमाना था !
और आज के जमाने में मेरे बेटी ने पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..
मां बोली : कोई बात नहीं ! पापा दूसरा दिला देंगे।
हमें अठन्नी पर मिली सजा याद आ गई।
फिर भी आलम यह है कि आज भी हमारे सर मां-बाप के चरणों में श्रद्धा से झुकते हैं।
औऱ हमारे बच्चे 'यार पापा ! यार मम्मी ! कहकर.. बात करते हैं।
हम प्रगतिशील से.. प्रगतिवान.. हो गये हैं।
कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।
☔🙏
माँ बाप की लाइफ गुजर जाती है *बेटे की लाइफ बनाने में......*
और बेटा status_ रखता है--- " My wife is my Life"
वाह वाह!!
रिस्ते निभाने के भी क्या अंदाज़ है लोगो के!
कोई मोम की तरह पिंघल कर निभाता है तो कोई आग की तरह!
एक लड़की थी ..
गली से गुज़रा करती थी....
उसके चेहरे पर नकाब हुआ करता था .....
एक लड़का उस पर दिलों जान से मरता था....
जब भी लड़की गली से आती थी...
तो लड़का कहता था..
अपने चेहरे से नकाब को हटाओ...
और चाँद सा चेहरा मु
एक लड़की थी ..
गली से गुज़रा करती थी....
उसके चेहरे पर नकाब हुआ करता था .....
एक लड़का उस पर दिलों जान से मरता था....
जब भी लड़की गली से आती थी...
तो लड़का कहता था..
अपने चेहरे से नकाब को हटाओ...
और चाँद सा चेहरा मुझे दिखाओ. ..
लड़की की कुछ ही दिन बाद शादी थी. ..
लड़की ने चेहरे से नकाब को ना हटाया.. .
अपना चाँद सा चेहरा ना दिखाया...
लड़की की शादी हुई ...
लड़का एक हफ्ते तक नज़र नही आया. ...
लड़की परेशान सी रहने लगी...
पुछते पुछते उसके घर जा पहुँची....
तभी घरवालो ने कहा...
म्होतर्मा आपको आने मे थोड़ा देर हो गयी ....
उस दिवाने की तो एक हफ्ते पहले ही मौत हो गयी...
तभी पड़ोस वालो ने अपना फर्ज़ निभाया....
लड़की को लड़के की कब्र तक पहुँचाया...
लड़की जोर-जोर से रोने लगी.....
अपने आँसुओ से कब्र को धोने लगी...
तभी कब्रसे एक आवाज आयी...
समय-समय की बात है...
कल तुम थी नकाब मे...
तो मे था शबाब मे..
आज मै हुँ नकाब मे....
तो तुम हो शबाब मे...
लड़की पूछने लगी....
ऐसा क्यो किया आपने...
तभी कब्र से फिर आवाज़ आयी.. ..
तेरी डोली उठी..
मेरी म्य्यत उठी...
फूल तुझ पे भी बरसे...
फूल मुझ पे भी बरसे....
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तू सज कर गयी...और ...मुझे सजाया गया...
तू भी घर को चली...
मै भी घर को चला...
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तू उ ठ कर गयी...और..
मुझे उठाया गया...
महफिल वहाँ भी थी...
लोग यहाँ भी थे....
बस फर्क सिर्फ इतना था...
उनका हंसना वहाँ...
इनका रोना यहाँ...
काज़ी उधर भी था...
मौलवी इधर भी था...
दो बोल तेरे भी पड़े...
दो बोल मेरे भी पड़े..
तेरा निकाह पड़ा...
मेरा जनाज़ा पड़ा..
बस फर्क सिर्फ इतना था...
तुझे अपनाया गया.....
मुझे दफनाया गया.....
तेरे प्यार मे दो पल की जिंदगी बहुत है ।
एक पल की हँसी और एक पल की खुशी बहुत है ।।
यह दुनिया मुझे जाने, या ना जाने ।
तेरी आँखे मुझे पहचाने यही बहुत है ।।
जय श्री श्याम
✍ बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी.
तभी टीचर ने बच्चों से पूछा - अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?
किसी ने कहा - मैं वीडियो गेम खरीदुंगा..
किसी ने कहा - मैं क्रि
✍ बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी.
तभी टीचर ने बच्चों से पूछा - अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?
किसी ने कहा - मैं वीडियो गेम खरीदुंगा..
किसी ने कहा - मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा..
किसी ने कहा - मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी..
तो, किसी ने कहा - मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी..
एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था
टीचर ने उससे पुछा - तुम क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे ?
बच्चा बोला -टीचर जी मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा !
टीचर ने पूछा - तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ?
बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया !
बच्चे ने कहा -- मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है
मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ बड़ा आदमी बन सकूँ, और माँ को सारे सुख दे सकूँ.!
टीचर -- बेटा तेरी सोच ही तेरी कमाई है ! ये 100 रूपये मेरे वादे के अनुसार और, ये 100 रूपये और उधार दे रहा हूँ। जब कभी कमाओ तो लौटा देना और, मेरी इच्छा है, तू इतना बड़ा आदमी बने कि तेरे सर पे हाथ फेरते वक्त मैं धन्य हो जाऊं !
20 वर्ष बाद..........
बाहर बारिश हो रही है, और अंदर क्लास चल रही है !
अचानक स्कूल के आगे जिला कलेक्टर की बत्ती वाली गाड़ी आकर रूकती है स्कूल स्टाफ चौकन्ना हो जाता हैं !
स्कूल में सन्नाटा छा जाता हैं !
मगर ये क्या ?
जिला कलेक्टर एक वृद्ध टीचर के पैरों में गिर जाते हैं, और कहते हैं -- सर मैं .... उधार के 100 रूपये लौटाने आया हूँ !
पूरा स्कूल स्टॉफ स्तब्ध !
वृद्ध टीचर झुके हुए नौजवान कलेक्टर को उठाकर भुजाओं में कस लेता है, और रो पड़ता हैं !
दोस्तों --
*मशहूर होना, पर मगरूर मत बनना।*
*साधारण रहना, कमज़ोर मत बनना।*
*वक़्त बदलते देर नहीं लगती..*
शहंशाह को फ़कीर, और फ़क़ीर को शहंशाह बनते,
*देर नही लगती ....*
🙏🏻😊😊🙏🏻🙏🏻😊😊🙏🏻
🎈ज़िन्दगी की शाम ढलने को है 🎈
⛳कभी इस लड़ाकू औरत से बात नहीं करूँगा! पता नहीं समझती क्या है खुद को! जब देखो झगड़ा।" सुकून से रहने नहीं देती। बड़बड़ाते हुए वह घर से बाहर निकल गया।
☕ नजदीक के चाय के स्टॉल
🎈ज़िन्दगी की शाम ढलने को है 🎈
⛳कभी इस लड़ाकू औरत से बात नहीं करूँगा! पता नहीं समझती क्या है खुद को! जब देखो झगड़ा।" सुकून से रहने नहीं देती। बड़बड़ाते हुए वह घर से बाहर निकल गया।
☕ नजदीक के चाय के स्टॉल पर पहुँच कर चाय ऑर्डर की और सामने रखे स्टूल पर बैठ गया।
"इतनी सर्दी में बाहर चाय पी रहे हो!"
उसने गर्दन घुमा कर देखा तो साथ के स्टूल पर बैठे बुजुर्ग उससे मुख़ातिब थे।
"आप भी तो इतनी सर्दी और इस उम्र में बाहर हैं!"
बुजुर्ग ने मुस्कुरा कर कहा मैं निपट अकेला। न कोई गृहस्थी, न साथी। तुम तो शादीशुदा लगते हो ।
पत्नी घर में जीने नहीं देती। हर समय चिकचिक। बाहर न भटकूँ तो क्या करूँ ! गर्म चाय के घूँट अंदर जाते ही दिल की कड़वाहट निकल पड़ी।
बुजुर्ग अब थोड़ा संजीदा होकर बोले:
"पत्नी जीने नहीं देती! बरखुरदार ज़िन्दगी ही पत्नी से होती है। दस बरस हो गए हमारी पत्नी को गए हुए।"
बुजुर्ग ने ठंडी साँस के साथ अपनी वेदना छलकाते हुए कहा --- जब ज़िंदा थी, कभी कद्र नहीं की। आज कम्बख़्त चली गयी तो भूलाई नहीं जाती । घर काटने को होता है। बच्चे अपने अपने काम में मस्त।"
आलीशान घर, धन दौलत सब है! पर उसके बिना कुछ मज़ा नहीं...यूँ ही कभी कहीं, कभी कहीं भटकता रहता हूँ।"
"कुछ अच्छा नही लगता, उसके जाने के बाद, पता चला वो धड़कन थी --- मेरे जीवन की ही नहीं मेरे घर की भी सब बेजान हो गया हैं ... बुज़ुर्ग की आँखों में दर्द और आंसुओं का समंदर था।
उसने चाय वाले को पैसे दिए। नज़र भर बुज़ुर्ग को देखा। एक मिनट गंवाए बिना घर की ओर मुड़ गया।
चिंतित पत्नी दरवाजे पर ही खड़ी थी।
"कहाँ चले गए थे? जैकेट भी नहीं पहना, ठण्ड लग जाएगी तो?"
"तुम भी तो बिना स्वेटर के दरवाजे पर खड़ी हो।"
💕दोनों ने आँखों से एक दूसरे के प्यार को पढ़ लिया।
🎈ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय ... कभी तो रुलाये कभी ये हँसाये ! 🎈
#दिलछूलेगी ये कहानी
एक लड़का एक लड़की को बहुत प्यार करता था.
लड़के ने लड़की को प्रपोज़ किया..
लड़की :- जितनी तेरी एक महीने की कमाई है,
उतना मेरा हफ्ते का खर्चा है, इसलिए मैँ तुमसे मोहब्बत नहीं कर सकत
#दिलछूलेगी ये कहानी
एक लड़का एक लड़की को बहुत प्यार करता था.
लड़के ने लड़की को प्रपोज़ किया..
लड़की :- जितनी तेरी एक महीने की कमाई है,
उतना मेरा हफ्ते का खर्चा है, इसलिए मैँ तुमसे मोहब्बत नहीं कर सकती..
फिर भी वो लड़का मन ही मन उसी लड़की को चाहता है...
20 साल बाद वो दोनों संयोग से एक मॉल (दुकान) में मिलते है,
बातो ही बातो में लड़की ने कहा मेरा पति आज एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी करता है.
उसकी सेलरी एक 80 हजार रुपये प्रति महिना है. वो बहुत होशियार है, अब तुम ही बताओ,..
मैंने उस दिन तुम से शादी न कर के कोई गलती की क्या...?
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लड़के की आँखे नम हो जाती हैं,...और उसके बाद दोनों अपने काम के लिए जाने लगे..
.
थोड़ी देर में लड़की का पति उसे लेने आया और लड़की के पति की नजर उस लड़के पर पड़ी और कहा -
सर, आप यहाँ ?,
बाद में अपनी पत्नी से मिलते हुए कहा कि :- ये मेरी कंपनी के मालिक है
और एक साल का 500 करोड़ का टर्न-ओवर है,
और सर एक लड़की को चाहते हैं, इसलिए आज तक सर ने शादी नहीं की...
लड़की Emotional हो गयी यह है
जिन्दगी बस एक पल की मोहताज़ नहीं होती,बस वक़्त उसे मोहताज बना देता है....
"प्यार को समझें और उसे महत्व दें, उसे तोले नहीं... क्योकि प्यार अनमोल है"
"गुजरी हुई जिंदगी को कभी याद न कर,
तकदीर मे जो लिखा है उसकी फर्याद न कर...
जो होगा वो होकर रहेगा, तु कल की फिकर मे
अपनी आज की हसी बर्बाद न कर...
पुलिस और पत्नी में समानताऐं:
😁😁😁😁😁
1. ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी।
2. इनसे बनाकर रखना मजबूरी है।
3. इनका पता नहीं कब बिगङ जाऐं।
4. अगर ये प्यार से बात करे तो अलर्ट हो जाऐं।
5. दोंनों ही खतरना
पुलिस और पत्नी में समानताऐं:
😁😁😁😁😁
1. ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी।
2. इनसे बनाकर रखना मजबूरी है।
3. इनका पता नहीं कब बिगङ जाऐं।
4. अगर ये प्यार से बात करे तो अलर्ट हो जाऐं।
5. दोंनों ही खतरनाक धमकी देते हैं।
6. इनसे बहस में जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
7. ये पहला हिसाब याद रखते हैं।
8. अपने राज कभी नहीं खोलते।
9. इनको जबरदस्ती तारीफ चाहिए।
10. इनसे पंगा लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
11. विरोध मौका देखकर करते हैं।
12. सुन भले ही लें आपकी लेकिन करेंगे मन की ही।
13. ये दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं।
14. प्यार में लेकर भी वार करते हैं।
15. दोंनों ही रौब से काम लेते हैं।
16. अपना राज इन्हें बताना खतरनाक साबित हो सकता है।
17. इनकी नजर जेब पर ही रहती है।