चरणों में रहते रहते दादी इतना भरोसा हो गया...
अब मैं हु तेरा और तु है मेरी बस जन्मों का रिश्ता हो गया..
🌹जय दादी की🌹
🌸।।श्री राणी सत्यै नमः।।🌸
दादी नाम कृपा सागर
रोज डुबकी लगाया करो
दादी मूरत सर्व मंगलकारी
सदा चित्त में बसाया करो।
रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।
इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे प्रभु श्रीराम आप के जीवन को सुखमय बना
रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।
इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे प्रभु श्रीराम आप के जीवन को सुखमय बना देगे।
1. रक्षा के लिए
मामभिरक्षक रघुकुल नायक |
घृत वर चाप रुचिर कर सायक ||
2. विपत्ति दूर करने के लिए
राजिव नयन धरे धनु सायक |
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक ||
3. *सहायता के लिए
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ |
एहि अवसर सहाय सोई होऊ ||
4. सब काम बनाने के लिए
वंदौ बाल रुप सोई रामू |
सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू ||
5. वश मे करने के लिए
सुमिर पवन सुत पावन नामू |
अपने वश कर राखे राम ||
6. संकट से बचने के लिए
दीन दयालु विरद संभारी |
हरहु नाथ मम संकट भारी ||
7. विघ्न विनाश के लिए
सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही |
राम सुकृपा बिलोकहि जेहि ||
8. रोग विनाश के लिए
राम कृपा नाशहि सव रोगा |
जो यहि भाँति बनहि संयोगा ||
9. ज्वार ताप दूर करने के लिए
दैहिक दैविक भोतिक तापा |
राम राज्य नहि काहुहि व्यापा ||
10. दुःख नाश के लिए
राम भक्ति मणि उस बस जाके |
दुःख लवलेस न सपनेहु ताके ||
11. खोई चीज पाने के लिए
गई बहोरि गरीब नेवाजू |
सरल सबल साहिब रघुराजू ||
12. अनुराग बढाने के लिए
सीता राम चरण रत मोरे |
अनुदिन बढे अनुग्रह तोरे ||
13. घर मे सुख लाने के लिए
जै सकाम नर सुनहि जे गावहि |
सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहिं ||
14. सुधार करने के लिए
मोहि सुधारहि सोई सब भाँती |
जासु कृपा नहि कृपा अघाती ||
15. विद्या पाने के लिए
गुरू गृह पढन गए रघुराई |
अल्प काल विधा सब आई ||
16. सरस्वती निवास के लिए
जेहि पर कृपा करहि जन जानी |
कवि उर अजिर नचावहि बानी ||
17. निर्मल बुद्धि के लिए
ताके युग पदं कमल मनाऊँ |
जासु कृपा निर्मल मति पाऊँ ||
18. मोह नाश के लिए
होय विवेक मोह भ्रम भागा |
तब रघुनाथ चरण अनुरागा ||
19. प्रेम बढाने के लिए
सब नर करहिं परस्पर प्रीती |
चलत स्वधर्म कीरत श्रुति रीती ||
20. प्रीति बढाने के लिए
बैर न कर काह सन कोई |
जासन बैर प्रीति कर सोई ||
21. सुख प्रप्ति के लिए
अनुजन संयुत भोजन करही |
देखि सकल जननी सुख भरहीं ||
22. भाई का प्रेम पाने के लिए
सेवाहि सानुकूल सब भाई |
राम चरण रति अति अधिकाई ||
23. बैर दूर करने के लिए
बैर न कर काहू सन कोई |
राम प्रताप विषमता खोई ||
24. मेल कराने के लिए
गरल सुधा रिपु करही मिलाई |
गोपद सिंधु अनल सितलाई ||
25. शत्रु नाश के लिए
जाके सुमिरन ते रिपु नासा |
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा ||
26. रोजगार पाने के लिए
विश्व भरण पोषण करि जोई |
ताकर नाम भरत अस होई ||
27. इच्छा पूरी करने के लिए
राम सदा सेवक रूचि राखी |
वेद पुराण साधु सुर साखी ||
28. पाप विनाश के लिए
पापी जाकर नाम सुमिरहीं |
अति अपार भव भवसागर तरहीं ||
29. अल्प मृत्यु न होने के लिए
अल्प मृत्यु नहि कबजिहूँ पीरा |
सब सुन्दर सब निरूज शरीरा ||
30. दरिद्रता दूर के लिए
नहि दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना |
नहि कोऊ अबुध न लक्षण हीना |
31. प्रभु दर्शन पाने के लिए
अतिशय प्रीति देख रघुवीरा |
प्रकटे ह्रदय हरण भव पीरा ||
32. शोक दूर करने के लिए
नयन बन्त रघुपतहिं बिलोकी |
आए जन्म फल होहिं विशोकी ||
33. क्षमा माँगने के लिए
अनुचित बहुत कहहूँ अज्ञाता |
क्षमहुँ क्षमा मन्दिर दोऊ भ्राता ||
नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥
कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥
भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कम
नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥
कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥
भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कमल का आसन साथ में उसपर लिया सजाए॥
आशीर्वाद दे हाथ से, मन में भरे उमंग।
कीर्तन करता आपका छाडे नाम का रंग॥
जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार।
मुझको भी वो प्यार दो मत करना इनकार॥
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥
जय माँ सकंदा माता।
एक प्रसंग हनुमान जी कौन हैं ।
पार्वती जी ने शंकर जी से कहा - भगवन अपने इस भक्त को कैलाश आने से रोक दीजिए, वरना किसी दिन मैं इसे अग्नि में भस्म कर दूंगी।
यह जब भी आता है, मैं बहुत असहज हो जाती हूँ।
एक प्रसंग हनुमान जी कौन हैं ।
पार्वती जी ने शंकर जी से कहा - भगवन अपने इस भक्त को कैलाश आने से रोक दीजिए, वरना किसी दिन मैं इसे अग्नि में भस्म कर दूंगी।
यह जब भी आता है, मैं बहुत असहज हो जाती हूँ। यह बात मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। आप इसे समझा दीजिए, यह कैलाश में प्रवेश न करें।
शिव जी जानते थे कि पार्वती सिर्फ उनके वरदान की मर्यादा रखने के लिए रावण को कुछ नहीं कहती हैं।
वह चुपचाप उठकर बाहर आकर देखते हैं। रावण नंदी को परेशान कर रहा है।
शिव जी को देखते ही वह हाथ जोड़कर प्रणाम करता है। प्रणाम महादेव।
आओ दशानन कैसे आना हुआ ?
मैं तो बस आप के दर्शन करने के लिए आ गया था महादेव।
अखिर महादेव ने उसे समझाना शुरू किया। देखो रावण तुम्हारा यहां आना पार्वती को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसलिए तुम यहां मत आया करो।
महादेव यह आप कह रहे हैं। आप ही ने तो मुझे किसी भी समय आप के दर्शन के लिए कैलाश पर्वत पर आने का वरदान दिया है।
और अब आप ही अपने वरदान को वापस ले रहे हैं। ऐसी बात नहीं है रावण।
लेकिन तुम्हारे क्रिया कलापों से पार्वती परेशान रहती है और किसी दिन उसने तुम्हें श्राप दे दिया तो मैं भी कुछ नहीं कर पाऊंगा। इसलिए बेहतर यही है कि तुम यहां पर न आओ।
फिर आप का वरदान तो मिथ्या हो गया महादेव।
मैं तुम्हें आज एक और वरदान देता हूं। तुम जब भी मुझे याद करोगे। मैं स्वयं ही तुम्हारे पास आ जाऊंगा। लेकिन तुम अब किसी भी परिस्थिति में कैलाश पर्वत पर मत आना।
अब तुम यहां से जाओ, पार्वती तुमसे बहुत रुष्ट है। रावण चला जाता है।
समय बदलता है हनुमानजी रावण की स्वर्ण नगरी लंका को जला कर राख करके चले जाते हैं। और रावण उनका कुछ नहीं कर सकता है।
वह सोचते-सोचते परेशान हो जाता है कि आखिर उस हनुमान में इतनी शक्ति आई कहां से।
परेशान हो कर वह महल में ही स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी की प्रार्थना आरम्भ करता है।
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले।
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।।
उसकी प्रार्थना से शिव प्रसन्न होकर प्रकट होते हैं। रावण अभिभूत हो कर उनके चरणों में गिर पड़ता है।
कहो दशानन कैसे हो ? शिवजी पूछते हैं।
आप अंतर्यामी हैं महादेव। सब कुछ जानते हैं प्रभु।
एक अकेले बंदर ने मेरी लंका को और मेरे दर्प को भी जला कर राख कर दिया।
मैं जानना चाहता हूं कि यह बंदर जिसका नाम हनुमान है आखिर कौन है ?
और प्रभु उसकी पूंछ तो और भी ज्यादा शक्तिशाली थी। किस तरह सहजता से मेरी लंका को जला दिया। मुझे बताइए कि यह हनुमान कौन है ?
शिव जी मुस्कुराते हुए रावण की बात सुनते रहते हैं। और फिर बताते हैं कि रावण यह हनुमान और कोई नहीं मेरा ही रूद्र अवतार है।
विष्णु ने जब यह निश्चय किया कि वे पृथ्वी पर अवतार लेंगे और माता लक्ष्मी भी साथ ही अवतरित होंगी। तो मेरी इच्छा हुई कि मैं भी उनकी लीलाओं का साक्षी बनूं।
और जब मैंने अपना यह निश्चय पार्वती को बताया तो वह हठ कर बैठी कि मैं भी साथ ही रहूंगी। लेकिन यह समझ नहीं आया कि उसे इस लीला में किस तरह भागीदार बनाया जाए।
तब सभी देवताओं ने मिलकर मुझे यह मार्ग बताया। आप तो बंदर बन जाइये और शक्ति स्वरूपा पार्वती देवी आपकी पूंछ के रूप में आपके साथ रहे, तभी आप दोनों साथ रह सकते हैं।
और उसी अनुरूप मैंने हनुमान के रूप में जन्म लेकर राम जी की सेवा का व्रत रख लिया और शक्ति रूपा पार्वती ने पूंछ के रूप में और उसी सेवा के फल स्वरूप तुम्हारी लंका का दहन किया।
अब सुनो रावण! तुम्हारे उद्धार का समय आ गया है। अतः श्री राम के हाथों तुम्हारा उद्धार होगा। मेरा परामर्श है कि तुम युद्ध के लिए सबसे अंत में प्रस्तुत होना। जिससे कि तुम्हारा समस्त राक्षस परिवार भगवान श्री राम के हाथों से मोक्ष को प्राप्त करें और तुम सभी का उद्धार हो जाए।
*रावण को सारी परिस्थिति का ज्ञान होता है और उस अनुरूप वह युद्ध की तैयारी करता है और अपने पूरे परिवार को राम जी के समक्ष युद्ध के लिए पहले भेजता है और सबसे अंत में स्वयं मोक्ष को प्राप्त होता है।
ll जयसियारामजी lll ॐनमःशिवाय ll*
मारवाडी सेठ की पत्नी 👩 की तबियत बार बार खराब होती रहती थी ।
किसी ने उस पर कुछ रूपये वारने की सलाह दी । ताकि बला👿 टले
*
मारवाडी ने अपनी पत्नी के सर पर 15/-₹ रुपए वारे । और फिर
उन 15 रुपए में 85 रुपए और म
मारवाडी सेठ की पत्नी 👩 की तबियत बार बार खराब होती रहती थी ।
किसी ने उस पर कुछ रूपये वारने की सलाह दी । ताकि बला👿 टले
*
मारवाडी ने अपनी पत्नी के सर पर 15/-₹ रुपए वारे । और फिर
उन 15 रुपए में 85 रुपए और मिला कर अपने रिलायंस मोबाइल नम्बर पर रिचार्ज करवा लिया ।
*
पत्नी : ये क्या क़ियां तुमने🤔?
मारवाडी : तेरे पर वारे 15 में 85 मिलाकर रिचार्ज करवाने पर 85/-₹ रूपये का बैलेंस मेरे पास वापस आ गया।
और
तेरे ऊपर वारे गए 15 रूपये अम्बानी को चले गए ।
अब तेरी बला अम्बानी के सर पर।
वो पैसे वाला है,अपने आप व्यवस्था कर लेगा, इस बला को टालने की भी..
😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃😜😃
🤣 एक बनिए की फल फ्रूट की मशहूर दुकान थी
🍎🍐🍊🍓🍉
गर्मी में एक ग्राहक उसकी दुकान पर तरबूज लेने आया🍉🍉🍉
ग्राहक ने कहा
एक मीठा और लाल तरबूज 🍉🍉🍉 दे दो
😉
दुकानदार ने उसे एक तरबूज निकाल कर दे दिया
ग्र
🤣 एक बनिए की फल फ्रूट की मशहूर दुकान थी
🍎🍐🍊🍓🍉
गर्मी में एक ग्राहक उसकी दुकान पर तरबूज लेने आया🍉🍉🍉
ग्राहक ने कहा
एक मीठा और लाल तरबूज 🍉🍉🍉 दे दो
😉
दुकानदार ने उसे एक तरबूज निकाल कर दे दिया
ग्राहक ने बोला लाल तो निकलेगा ना
दुकानदार ने कहा लाल कि पूरी गारंटी है नही तो वापस ले आना
🙄
ग्राहक 12:00 बजे तरबूज ले गया था दिन में 2:00 बजे तमतमाते हुए वापस आया और बोला
आपने बोला था कि यह लाल और मीठा निकलेगा यह तो सफेद और फीका है
🙄
बनिए के पास उस समय बहुत ग्राहकों की भीड़ थी व्यापारी ने अपने मुख पर मुस्कान लाते हुए कहा की भाई साहब आप क्यों गुस्सा करते हैं मैं तो इसी तरबूज 🍉🍉🍉 को ढूंढ रहा था आज मैंने इसे बाहर से मंगाया था
😘
क्योंकि यह तरबूज तो शुगर फ्री तरबूज है और महंगा है परंतु यह गलती से आपके पास चल गया🙄 कोई बात नही आप दूसरा ले लीजिए
🙄
ग्राहक सकपका गया और बोला की भाई साहब यह कितने रुपए किलो है
दुकानदार बोला भाई साहब है तो महंगा पर आपको चाहिए तो उसी रेट में ले जाओ।
ग्राहक खुश होते हुए बोला कि भाई साहब मुझे यही पैक करके दे दो
😉
दुकानदार ने नौकर को बोला कि बेटा यह पैक कर दे
🙄
दुकान पर काम करता हुआ नौकर यह देखकर अचंभा कर गया कि फीका तरबूज भी उस ग्राहक को उसी रेट में पकड़ा दिया जिसे गारंटी दे कर दिया गया था और ग्राहक बहुत खुश होकर वापस गया।
😘 क्योंकि बनिया, बनिया होता है और ग्राहक संतुष्ट होता नही, करना पड़ता है 🙏
😁😁😁😁
😁😁😁😁😁
ज्योति जी ने बेटे को फ़ोन किया, "बेटा, इस मंगलवार को छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ ज़रूरी काम है।"😐
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"मम्मी, ऑफ़िस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।"🥺
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ज्योति जी "वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये, ब
ज्योति जी ने बेटे को फ़ोन किया, "बेटा, इस मंगलवार को छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ ज़रूरी काम है।"😐
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"मम्मी, ऑफ़िस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।"🥺
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ज्योति जी "वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये, बड़ी सुंदर लड़की है, सोच रही थी कि एक बार तुम दोनों मिल लेते तो..."😊
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"अरे माँ, बस इतनी सी बात, तुम कहो और मैं ना आऊँ, ऐसा हो सकता है भला..???" 😍
मन में फूट रहे लड्डूओं की आवाज छिपाते हुए बेटे जी ने जवाब दिया।🥰
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बॉस को किसी तरह टोपी पहनाकर, रात को बेटा घर पहुँचा।🥱
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माँ ज्योति ने कुछ ज्यादा बात नहीं की, बस खाना परोसा और दूसरे दिन जल्दी उठ जाने को कहा।🤤
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सुबह के 4 बजे तक तो नींद बेटे की आँखों से कोसों दूर थी, मोबाइल के अलार्म के साथ ही नींद खुली।😑
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माँ ने चाय देते हुए कहा, "बाथरूम में कपड़े रखे हैं, बदलकर आ जाओ।"🤷
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बाथरूम में पुरानी टी-शर्ट और शॉर्ट्स देखकर बेटे का दिमाग ठनका, 😮
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बाहर आकर बेटे नें पूछा पुराने कपड़े??
माँ ने मनोरम मुस्कान बिखेरते हुए कहा,
"घर की सफाई का बोलती तो तू काम का बहाना बनाकर टाल देता,... 💁
चल अब जल्दी से ये लंबा वाला झाड़ू उठा
तेरे पापा भी बहाने बना कर समाज की मीटिंग में गए है वो भी लड़की की माँ से मिलने के नाम पर आ रहे है 😎
दीवार के कोने साफ कर, बहुत जाले हो गये हैं।
महिलायें दीपावली टिप्स समझ सकती हैं 🙏🙏
😂😂🤣
एक औरत ने अपनी पड़ोसिन से पूछा: क्या तुम्हें ऐसा
आदमी पसंद है, जिसके सारे बाल सफेद हों और हेयर
कलर लगाकर जवान बनने की कोशिश करता हो?👴👴
चार कदम चलने पर जिसकी सांस फूल जाती हो, दफ्तर से घर आकर शर
एक औरत ने अपनी पड़ोसिन से पूछा: क्या तुम्हें ऐसा
आदमी पसंद है, जिसके सारे बाल सफेद हों और हेयर
कलर लगाकर जवान बनने की कोशिश करता हो?👴👴
चार कदम चलने पर जिसकी सांस फूल जाती हो, दफ्तर से घर आकर शराब पीना शुरू कर देता हो और खाना खाते ही बूढ़े की तरह सो जाता हो।😴😴
जो नहाता न हो और टॉइलेट में आधा-आधा घंटा गुजारता हो।🤖🤖
पड़ोसिन: नहीं, हरगिज नहीं। भला ऐसे मर्द को कौन औरत पसंद करेगी!🤦
औरत: तो फिर मेरे पति के पीछे क्यों पड़ी हो?😬😬😵😵😭😭
कृष्ण प्रिया राधा का रहस्य, पढ़ें 3 पौराणिक कथा....
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कथा 1 - राधा द्वापर युग में श्री वृषभानु के घर प्रगट होती हैं। कहते हैं कि एक बार श्रीराधा गोलोकविहारी से रूठ गईं। इसी समय गोप सुदामा प्रकट
कृष्ण प्रिया राधा का रहस्य, पढ़ें 3 पौराणिक कथा....
***********
कथा 1 - राधा द्वापर युग में श्री वृषभानु के घर प्रगट होती हैं। कहते हैं कि एक बार श्रीराधा गोलोकविहारी से रूठ गईं। इसी समय गोप सुदामा प्रकट हुए। राधा का मान उनके लिए असह्य हो हो गया।
उन्होंने श्रीराधा की भर्त्सना की, इससे कुपित होकर राधा ने कहा- सुदामा! तुम मेरे हृदय को सन्तप्त करते हुए असुर की भांति कार्य कर रहे हो, अतः तुम असुरयोनि को प्राप्त हो। सुदामा कांप उठे, बोले-गोलोकेश्वरी ! तुमने मुझे अपने शाप से नीचे गिरा दिया। मुझे असुरयोनि प्राप्ति का दुःख नहीं है, पर मैं कृष्ण वियोग से तप्त हो रहा हूं। इस वियोग का तुम्हें अनुभव नहीं है अतः एक बार तुम भी इस दुःख का अनुभव करो। सुदूर द्वापर में श्रीकृष्ण के अवतरण के समय तुम भी अपनी सखियों के साथ गोप कन्या के रूप में जन्म लोगी और श्रीकृष्ण से विलग रहोगी। सुदामा को जाते देखकर श्रीराधा को अपनी त्रृटि का आभास हुआ और वे भय से कातर हो उठी। तब लीलाधारी कृष्ण ने उन्हें सांत्वना दी कि हे देवी ! यह शाप नहीं, अपितु वरदान है। इसी निमित्त से जगत में तुम्हारी मधुर लीला रस की सनातन धारा प्रवाहित होगी, जिसमे नहाकर जीव अनन्तकाल तक कृत्य-कृत्य होंगे। इस प्रकार पृथ्वी पर श्री राधा का अवतरण द्वापर में हुआ।
कथा 2 - नृग पुत्र राजा सुचन्द्र और पितरों की मानसी कन्या कलावती ने द्वादश वर्षो तक तप करके श्रीब्रह्मा से राधा को पुत्री रूप में प्राप्ति का वरदान मांगा। फलस्वरूप द्वापर में वे राजा वृषभानु और रानी कीर्तिदा के रूप में जन्मे। दोनों पति-पत्नी बने। धीरे-धीरे श्रीराधा के अवतरण का समय आ गया। सम्पूर्ण व्रज में कीर्तिदा के गर्भधारण का समाचार सुख स्त्रोत बन कर फैलने लगा, सभी उत्कण्ठा पूर्वक प्रतीक्षा करने लगे। वह मुहूर्त आया। भाद्रपद की शुक्ला अष्टमी चन्द्रवासर मध्यान्ह के समये आकाश मेघाच्छन्न हो गया। सहसा एक ज्योति प्रसूति गृह में फैल गई यह इतनी तीव्र ज्योति थी कि सभी के नेत्र बंद हो गए। एक क्षण पश्चात् गोपियों ने देखा कि शत-सहस्त्र शरतचन्द्रों की कांति के साथ एक नन्हीं बालिका कीर्तिदा मैया के समक्ष लेटी हुई है। उसके चारों ओर दिव्य पुष्पों का ढेर है। उसके अवतरण के साथ नदियों की धारा निर्मल हो गई, दिशाएं प्रसन्न हो उठी, शीतल मन्द पवन अरविन्द से सौरभ का विस्तार करते हुए बहने लगी।
कथा 3 : पद्मपुराण में राधा का अवतरण
पद्मपुराण में भी एक कथा मिलती है कि श्री वृषभानुजी यज्ञ भूमि साफ कर रहे थे, तो उन्हें भूमि कन्या रूप में श्रीराधा प्राप्त हुई। यह भी माना जाता है कि विष्णु के अवतार के साथ अन्य देवताओं ने भी अवतार लिया, वैकुण्ठ में स्थित लक्ष्मीजी राधा रूप में अवतरित हुई। कथा कुछ भी हो, कारण कुछ भी हो राधा बिना तो कृष्ण हैं ही नहीं। राधा का उल्टा होता है धारा, धारा का अर्थ है करंट, यानि जीवन शक्ति। भागवत की जीवन शक्ति राधा है। कृष्ण देह है, तो श्रीराधा आत्मा। कृष्ण शब्द है, तो राधा अर्थ। कृष्ण गीत है, तो राधा संगीत। कृष्ण वंशी है, तो राधा स्वर। भगवान् ने अपनी समस्त संचारी शक्ति राधा में समाहित की है। इसलिए कहते हैं-
जहां कृष्ण राधा तहां जहं राधा तहं कृष्ण।
✍️ठाकुर जी ने कहा :- कुछ मांगों।
✍️मैंने उनसे उन्हें ही मांग लिया।
ठाकुर जी ने कहा :- मुझे नहीं, कुछ और मांगों।
मैंने कहा :- राधा के श्याम दे दो।
ठाकुर जी ने कहा :- अरे बाबा, मुझे नहीं कुछ और म
✍️ठाकुर जी ने कहा :- कुछ मांगों।
✍️मैंने उनसे उन्हें ही मांग लिया।
ठाकुर जी ने कहा :- मुझे नहीं, कुछ और मांगों।
मैंने कहा :- राधा के श्याम दे दो।
ठाकुर जी ने कहा :- अरे बाबा, मुझे नहीं कुछ और मांगों।
मैंने कहा :- मीरा के गिरिधर दे दो।
ठाकुर जी ने फिर कहा :- तुम्हें बोला ना कुछ और मांगों।
मैंने कहा :- अर्जुन के पार्थ दे दो।
अब तो ठाकुर जी ने पूछना ही बंद कर दिया। केवल इशारे से बोले :- कुछ और।
अब तो मैं भी शुरू हो गया :-
यशोदा मईया का लल्ला दे दो।
गईया का गोपाल दे दो।
सुदामा का सखा दे दो।
जना बाई के विठ्ठल दे दो।
हरिदास के बिहारी दे दो।
सूरदास के श्रीनाथ दे दो।
तुलसी के राम दे दो।
ठाकुर जी पूछ रहे है :- तेरी सुई मेरे पे ही आके क्यों अटकती हैं ?
मैंने भी कह दिया :- क्या करूँ प्यारे।
✍️जैसे घड़ी की बैटरी जब खत्म होने वाला होता है तो उसकी सुई एक ही जगह खडी-खडी, थोड़ी-थोड़ी हिलती रहती हैं।
बस ऐसा ही कुछ मेरे जीवन का हैं। श्वास रूपी सैल पता नहीं कब खत्म हों जायें।
✍️संसार के चक्कर काट-काट कर सैकड़ों बार तेरे पास आया।लेकिन अपने मद में चूर फिर वापिस लौट गया।
दादी नाम के दो अक्षर में ना जाने कैसा बल है
नामोच्चार से खत्म हो जाता मन का मैल सब है
गदगद होता कंठ नयन से स्रावित होता जल है
पुलकित होता हृदय ध्यान दादी का आता हर पल है
यही चाह है दादी नाम जप का ये तार ना टूटे
सब छूटे तो छूटे दादी तेरा ध्यान कभी ना छूटे
🌷जय जय दादी माँ🌷
दादी तेरे आँचल की छाया तले , निभ रही है ये ज़िन्दगी ......
तुम जैसे रखो ये तुम्हारी मर्ज़ी है मावड़ी .....
बस एक विनती है मेरी ये तुमसे .....
हर पल साथ खड़ी रहना हमारे .......
🙏🌺जय जय दादी माँ 🌺🙏
🌺ll ॐ श्री राणीसत्यै नमःll🌺
सब इच्छा सती आपकी .... मम् इच्छा नहीं कोई ....
जो तू चाहे जगत में .... सोई प्रतिपल होई ....
कर्म मेरो कर्ता तुम्हीं .... जीवन की आधार ....
आप नाम में सीमित है माँ .... " हम भक्तौं " को संसार ....
🌺ll नमो नारायणी l|🌺
जीवन में केवल दो ही वास्तविक धन हैं। एक समय और दूसरा सांसें। और अहम बात यह भी है कि दोनों ही निश्चित और सीमित हैं।
🌱सुप्रभात
सुख-दुःख अपने नसीब से मिलता है,
अमीरी-गरीबी से इसका कोई लेना देना नहीं है..!
रोने वाले महलों में भी रोते हैं, अगर किस्मत में खुशियां हों तो..!! हँसी झोपड़ी में भी गूंजती है.!
शुभ दोपहरी🙏🙏
माटी का एक नाग बनाके पूजे लोग लुगाया,
जिंदा नाग जब घर में निकले ले लाठी धमकाया।
जिंदा बाप कोई न पूजे, मरे बाद पुजवाया,
मुठ्ठीभर चावल लेके कौवे को बाप बनाया।
यह दुनिया कितनी बावरी है जो पत्थर पूजे जाय,
घर की चकिया कोई न पूजे, जिसका पिसा खाय।
भावार्थ:- जो जीवित है उनकी सेवा करो, वही सच्चा श्राद्ध है
👉"किसी ने क्या खूब चन्द पंक्तिया लिखी हैं"
👉जो पिता के पैरों को छूता है वो कभी गरीब नहीं होता।
👉जो मां के पैरों को छूता है वो कभी बदनसीब नहीं होता।
👉जो भाई के पैराें को छूता है वो कभी ग
👉"किसी ने क्या खूब चन्द पंक्तिया लिखी हैं"
👉जो पिता के पैरों को छूता है वो कभी गरीब नहीं होता।
👉जो मां के पैरों को छूता है वो कभी बदनसीब नहीं होता।
👉जो भाई के पैराें को छूता है वो कभी गमगीन नही होता।
👉जो बहन के पैरों को छूता है वो कभी चरित्रहीन नहीं होता।
👉जो गुरू के पैरों को छूता है उस जैसा कोई खुशनसीब नहीं होता...
🌹अच्छा दिखने के लिये मत जिओ बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ
✍️बूढ़ा पिता अपने IAS बेटे के चेंबर में जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया !
और प्यार से अपने पुत्र से पूछा...
"इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है"?
👉पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से ह
✍️बूढ़ा पिता अपने IAS बेटे के चेंबर में जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया !
और प्यार से अपने पुत्र से पूछा...
"इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है"?
👉पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हंसते हुए कहा "मेरे अलावा कौन हो सकता है पिताजी "!
👉पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उसे विश्वास था कि उसका बेटा गर्व से कहेगा पिताजी इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान आप हैं, जिन्होंने मुझे इतना योग्य बनाया !
उनकी आँखे छलछला आई !
वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे !
👉उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः बेटे से पूछा एक बार फिर बताओ इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान कौन है ??
👉 पुत्र ने इस बार कहा...
"पिताजी आप हैं, इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान "!
👉पिता सुनकर आश्चर्यचकित हो गए उन्होंने कहा "अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे अब तुम मुझे बता रहे हो " ??
पुत्र ने हंसते हुए उन्हें अपने सामने बिठाते हुए कहा..
👉"पिताजी उस समय आप का हाथ मेरे कंधे पर था, जिस पुत्र के कंधे पर या सिर पर पिता का हाथ हो वो पुत्र तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना...
बोलिए पिताजी" !
👉पिता की आँखे भर आई उन्होंने अपने पुत्र को कस कर के अपने गले लगा लिया !
हे मेरे श्याम..
कोई शायर तो
कोई फकीर बन जाये,
तुझे जो देखे वो
खुद तस्वीर बन जाये..
ना फूलों की ज़रूरत
ना कलियों की,
तू जहाँ पैर रख दे,
वही खाटू धाम बन जाये..!!
🎠🎠🎠जय श्री श्याम🎠🎠🎠