परखता तो वक्त है,
कभी हालात के रूप मे ,
कभी मजबूरीयों के रूप मे !!!
भाग्य तो बस आपकी
काबिलियत देखता है !
जीवन में कभी किसी से,
अपनी तुलना मत करों,
आप जैसे है, सर्वश्रेष्ठ है!
💐 💐
शुभ प्रभात
💐💐💐 मत मुस्कुराओ 😊 इतना की फूलो 🌺 को खबर लग जाये,
✋ हम 👨 करें आपकी 👩तारीफ और आपको 👩 नजर 👀 लग जाये,
😘 खुदा करे बहुत लम्बी हो आपकी 👩 जिंदगी ,
♥ और उस पर भी हमारी 👨 उम्र लग जाये…🌹🌹🌹
तुम्हारे जिस्म की खुशबू गुलों से आती है,
ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है..!!
हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..!!
हमारी आँखों को मैला तो कर दिया �
तुम्हारे जिस्म की खुशबू गुलों से आती है,
ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है..!!
हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..!!
हमारी आँखों को मैला तो कर दिया लेकिन,
मुहब्बतों में चमक आंसुओं से आती है..!!
इसीलिए तो अँधेरे हसीन लगते हैं,
कि रात मिल के तेरे गेसुओं से आती हैं..!!
ये किस मक़ाम में पहुंचा दिया मुहब्बत ने,
कि तेरी याद भी अब कोशिशों से आती है..!!
पादना’ बुरी बात नही है भाई !!
आज मै “पाद” विषय पर बात कर रहा हूं, जिसका नाम लेना भी असभ्यता समझी जाती है, लेकिन पाद क्या अपनी मर्जी से आता है, वो तो खुद ही कभी भी, कहीं भी आ सकता है ! यदि आपका डाक्ट�
पादना’ बुरी बात नही है भाई !!
आज मै “पाद” विषय पर बात कर रहा हूं, जिसका नाम लेना भी असभ्यता समझी जाती है, लेकिन पाद क्या अपनी मर्जी से आता है, वो तो खुद ही कभी भी, कहीं भी आ सकता है ! यदि आपका डाक्टरी चेकअप हुआ होगा तो डाक्टर ने आपसे यह सवाल भी अवश्य किया होगा कि पाद ठीक से आता है ? क्योंकि डाक्टर जानता है कि पाद चेक करने की अभी तक कोई अल्ट्रासाउंड या MRI जैसी मशीन नही बनी !
यदि आपको दिन में 4 बार और रात को लगभग 10 बार अलग अलग तरह के पाद नही आते तो आपका सजना, संवरना सब बेकार है, क्योंकि अन्दर से आपका सिस्टम बिगड़ा हुआ है, यदि लीवर ही ठीक से काम नही कर रहा तो अन्य अंगो को पोषण कहां से मिलेगा !
इसलिये पादने मे संकोच न करें और खूब पादें ! क्योंकि पादना बुरी बात नही है भाई !
🚶💨पाद पांच प्रकार के होते हैं:-
1 – ‘भो पाद’ (पादों का राजा)
यह घोषणात्मक और मर्दानगी भरा होता है ! इसमे आवाज मे धमक ज्यादा और बदबू कम होती है, जितनी जोर आवाज, उतनी कम बदबू !
2 – ‘शहनाई’ –
हमारे पूर्वजो ने इसे मध्यमा भी कहा है ! इसमे से आवाज निकलती है ठें ठें या कहें पूंऊऊऊउऊ..!
3 – ‘खुरचनी’ –
इसकी आवाज पुराने कागज के सरसराहट जैसी होती है! यह एक बार मे नही निकलता है, बल्कि एक के बाद एक कई ‘पिर्र..पिर्र..पिर्र..पिर्र’ की आवाज के साथ आता है !
4 – ‘तबला’ –
तबला पाद एक फट की आवाज के साथ आता है ! यह अपने मालिक की इजाजत के बगैर ही निकल जाता है और अगर हम लोगों के बीच बैठे हों तो हास्य के पात्र बन जाते हैं !
5 – ‘फुस्की’ –
यह एक निःशब्द ‘बदबू बम’ है ! चूंकि इसमें आवाज नही होती है इसलिए ये पास बैठे व्यक्ति को बदबू का गुप्त दान देता है और दाता अपनी नाक को बंद कर के नही पादने का दिखावा करता है, लेकिन आप कुछ ना बोलें केवल जापानी कहावत ” जो बोला, सो पादा ” याद रखें, इससे दाता स्वयं ही पकड़ मे आ जायेगा !
अब अपने पाद की श्रेणी निर्धारित करते हुए पाद का आनन्द उठाइये तथा जम कर, बेझिझक और खुलकर पादिये…
😄😄😄💭💭💨🙊🙊😝😛